वहीं, इस मामले को लेकर रहुई अंचल में तरह तरह की अटकलों का बाजार गर्म होने लगा। कुछ लोगों का कहना था कि 6 हज़ार रुपये घुस मांगना आज बड़ा बाबू को महंगा पड़ गया। कुछ लोगो का कहना है कि कर्मियो की आपसी रंजिश में घटना को अंजाम दिलाया गया।
आखिर क्या है पूरा मामला
इसी बात को लेकर सोनू ने जवरन मंगलवार को निगरानी के सामने आम जनता बन लिपिक से किसी काम के एवज में जवरन पैसे पॉकेट में डाल निगरानी के हत्थे चढ़वा डाला।
प्रत्यक्षदर्शी अंचल निरीक्षक मनमोहन सिंह , दिवरापर निवासी छोटे लाल प्रसाद , राजस्व कर्मचारी बृजनंदन सहाय, कर्मचारी धर्मवीर कुमार रंजन ने बताया कि शातिर सोनू कर्मचारी अरुण का सभी कार्य ही नही करता है बल्कि, उनका मोबाइल नंबर भी अपने पास ही रखता है।
तहकीकात के लिए जब इस संवाददाता ने अंचल बोर्ड पर लिखे नंबर पर फोन लगाया तो सोनू ने पहले तो अपने को अरुण का बेटा बताया। उसके बाद भतीजा बताया और फिर फिर मोबाइल घर पर छूट जाने की बात बताते हुए बात को टाल गया।
अंचलाधिकारी अफ़ज़ल हुसैन से सोनू के बारे में पूछे जाने पर बताया कि अक्सर इसे अपने चाचा अरुण कुमार सिंहा के साथ व अकेले भी कार्यालय में सरकारी कागजातों के साथ देखा जाता रहा है।