“सुशासन बाबू के शिक्षा का खेल निराला, दसवीं कक्षा के परीक्षा का कॉपी भी बेच डाला। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि नालन्दा की शिक्षा व्यवस्था कितनी रसातल में पहुंच गई है।”
नगरनौसा (लोकेश)। बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूर्णतः चौपट है, उसमें कोई कसर बाकी नहीं दिखती है। मैट्रिक इंटर आदि की कॉपी परीक्षा स्थल से बाहर निकलते हुए आप सुने होंगे, लेकिन दसवीं की कॉपी परीक्षा स्थल से बाहर निकाल बेचने की बात गले नही उतरेगी। लेकिन यही हक़ीक़त है।
यह बातें जुड़ी हैं सुशासन बाबू के गृह जिला के चंडी प्रखंड के प्रो. रामकिशुन बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय से, जहां ज्ञान देने वाले शिक्षक ही गैरहाजिर विद्यार्थियों को दसवीं परीक्षा पास करवाने के लिए पचास रुपए में कॉपी विद्यालय से बाहर लाकर खुलेआम बेच रहे हैं।
नाम नही छापने पर विद्यालय के ही एक विद्यार्थी ने बताया कि विद्यालय के ही एक शिक्षक, जो पचास रुपये में दसवीं कक्षा की कॉपी विद्यालय परिसर से बाहर लाकर खुलेआम बेच रहे हैं।
आखिर इन लोगों पर कार्यवाही नहीं होती। क्या मजबूरी है आला अधिकारियों की, जो अभी तक कुम्भकर्ण की नींद में हैं।