इस्लामपुर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के इस्लामपुर प्रखंड में शिक्षक नियोजन प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है।
एक तरफ शिक्षक नियोजन के समय अभियार्थियों द्धारा दी गई प्रमाण पत्रों को बारीकी से जांच करने का प्रावधान है, वहीं दूसरी ओर प्रामण पत्रों की जांच के बिना नियोजित शिक्षकों को मानदेय भुगतान नही करने की भी व्यावस्था है।
लेकिन विभागीय लापारवाही के कारण इस प्रकार की कार्यो मे अनदेखी की जाती रही है। इसी प्रकार का एक मामला प्रकाश मे आया है।
एक अभियार्थी सरीता कुमारी के पिता सिद्घीसदन गिरी ने बताया कि इस्लामपुर प्रखंड की वौरीडीह पंचायत के प्राथमिक विधालय मदुद में नियोजित शिक्षका रंजु कुमारी पिता अवधेश प्रसाद द्धारा नियोजन के समय प्रस्तुत अनुभव प्रमाण पत्र के बारे में विभाग से आरटीआई के तहत सूचना की मांग किया गया था।
प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के द्धारा जांच करवाया गया था। जाचोपरांत अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। अनुभव प्रमाण पत्र के अधार पर नियोजन के समय मेघा अंक मे अतिरिक्त बीस अंक जोडकर रंजु कुमारी को नियोजन कर लिया गया था।
इस आलोक मे विभाग के द्धारा शिझिका रंजु कुमारी की मानदेय भुगतान पर रोक लगा दी गई है और शिक्षिका से स्पष्टीकरण का मांग करते हुए सेवा समाप्त कर प्राथमिकी दर्ज करने का विभाग द्वारा निर्देश भी दिया गया है।
लेकिन लगभग दस वर्ष बीत जाने के वाद भी ऐसे फर्जी कारनामे के विरुद्ध विभाग के द्धारा सिर्फ मानदेय की भुगतान पर रोक लगा दी गई। इसके अलावे विभाग के द्धारा अन्य कोइ ठोस कदम नही उठाये गये।
विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि यदि नियोजन के दौरान प्रस्तुत की गई अनुभव प्रमाण पत्रों की बारीकी से विभाग के द्धारा जांच-पड़ताल की जाये तो नियोजन के समय बड़े पैमाने पर धांधली का मामला उजागार हो सकता है। उसमें यहां फर्जी शिक्षकों की सूची काफी लंबी होगी।