कतरीसराय(नालंदा)। शनिवार को ई किसान भवन के सभागार में नालंदा जिला के सभी थानाध्यक्षों के साथ आरक्षीअधिक्षक ने बैठक की | बैठक में अप्रैल में पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष के नेतृत्व में नालंदा पुलिस द्वारा किया गया सराहनीय कार्य के लिए पुलिस पदाधिकारी को पुरूषकृत किया गया |
वही नालंदा पुलिस कि उपलब्धि भी बताया गया | जिनमें जिले के विभिन्न थानों में जप्त 2260.25. लीटर बिदेशी शराब 3938 लीटर देशी शराब 122 लीटर चुलाई के शराब तथा 75 लोगों को गिरफ्तारी के अलावा अवैध बालु उत्खनन को रोकने लिए बालू माफियायों पर नकेल लगाने के लिए 33 बालू लदे टैक्टर 18 ट्रक व 21अबैध बालू उतखन्न करने वाले लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था |
22 अपहरण और कई अग्न्यास्त्र को जप्त करने वाले पुलिस पदाधिकारीयों को 500 सौ रूपया नगद देकर पुरूषकृत किया | शनिवार को नालंदा एस पी कुमार आशीष द्वारा क्राइम मीटिंग का आयोजन किया गया।
बैठक में श्री कुमार ने अपराध नियंत्रण पर विशेष बल देते हुए कहा कि नालंदा पुलिस जिले में होने वाले अपराधमुक्त नगर निकाय चुनाव के लिए पुरी तरह से तैयार है साथ ही सभी थानाध्यक्षों को शराबबंदी पर विशेष नजर रखने की हिदायत भी गयी है।
उन्होंने बताया कि2017 में नालन्दा पुलिस ने अब तक 2260 लीटर विदेशी ,3938 ली.देशी,तथा 122 ली.चुलाई शराब बरामद किया बिभिन्न कांडों के वारंटी 809 लोगों की गिरफ्तारी हुई साथ ही वाहन चेकिंग के दौरान कुल 35 लाख 99 हजार 965 रूपये फाइन के रूप में वसूल किये गये।
एसपी नालंदा ने वैसे थानाध्यक्ष जिनके क्षेत्र में अवैध बालू खनन होता है उन्हें बालू माफियाओं पर कार्रवाई का आदेश देते हुए कहा कि नीजी वाहनों पर अवैध रूप से मोनोग्राम लगाकर चलने वालों की अब खैर नहीं है। वैसे लोग अब सावधान हो जायें नहीं तो पकङे जाने पर उनपर कङी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसपी ने बेहतर कार्य के लिए पुलीस निरीक्षक रत्न किशोर झा,नालन्दा थाना के पु.अ.नि.प्रभा कुमारी,करायपरसुराय थाना के पुअनि राकेश कुमार,मानपुर थाना के पु.अ.नि.अमरेश कुमार सिंह तथा इस्लामपुर थाना के स अनि प्रभु शंकर राम को नगद 500 रूपया देकर पुरस्कृत किया।
वहीं बिहार थाना के पु.अ.नि.जितेन्द्र कुमार व पुअनि डिप्टी सिंह को 1000 रू देकर पुरस्कृत किया गया।लहेरी थाना के संजय कुमार,नुरसराय अंचल के एसआई जहांगीर आलम ,गिरीयक अंचल निरीक्षक सुनील कुमार सिंह तथा एस आई मदन प्रसाद को बेहतर कार्य के लिए एक सुसेवांक से पुरस्कृत किया गया। वहीं 45 अनुसंधानकर्ताओं को काम में लापरवाही के लिए दंडित भी किया गया। |