नगरनौसा । त्रिपुरा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट के रुसी नेता लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने की विरोध की विरोधी लहर शहर से ले गांव कस्वे तक आ पहुंचा। यह विरोध थमने का नाम नही ले रहा है।
पहले नालंदा के हिलसा में सीपीएम ने मूर्ति तोडते हुए पीएम के खिलाफ नारेबाजी की और उनका पुतला दहन किया तो अब उसकी आंच नगरनौसा पहुँच गई है।
नगरनौसा प्रखंड के नगरनौसा कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी(सी पी एम) के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने त्रिपुरा में हुए व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति के साथ तोड़- फोड़ के विरोध में प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बुधवार के दिन नगरनौसा बाजार में पुरानी थाना के पास से एक रैली निकाल कर मुख्य बाजार चौराहा पर पी एम का पुतला फूंका।
पार्टी नेता जगदीश प्रसाद ने सभा को संबोधित करते हुए भाजपा पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पीएम के शासन काल में किसानों के पथ प्रदर्शक रहे व्लादिमीर लेनिन की बेजान मूर्ति को त्रिपुरा में तोड़ कर गन्दी राजनीति का परिचय दिया है। साथ ही साथ गरीब किसानों की झोपड़ियों को भी जलाया गया है। इसके दोषी केवल केंद्र सरकार और त्रिपुरा के राज्यपाल हैं।
पार्टी नेता भोनू प्रसाद ने बताया कि त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद भाजपा पार्टी ने फासीवाद की नीति अपनाते हुए उनके कार्यकर्ताओं ने गरीब किसानों को सताना शुरू कर दिया है। यह काफी निंदनीय है। इस मौके पर जनार्दन प्रसाद,कृष्ण कुमार सहित पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।