राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज )। राजगीर मलमास मेला की अपनी अलग धार्मिक-पर्टकीय पहचान है। ज्यों-ज्यों मेला समाप्ति की ओर अग्रसर है, त्यों-त्यों यहां जन सैलाब उमड़ता जा रहा है।
लेकिन इस बार लच्चर पुलिस व्यवस्था के कारण राजगीर मलमास मेला में जयराम पेशों की चांदी दिख रही है। यहां विशेष मेला थाना बनाया गया है। फिर भी छिनतई और पाकेटमारी जैसी घटना आम बात हो गई है।
बीती रात अस्थावां थाना के नोआवा गांव से मेला घुमने आई आई दो महिलाओं आशा देवी और किरण देवी के साथ छिनतई की घटना हुई। जिसमें इनके 10 हजार रुपये समेत पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि छीन लिया गया।
जब आशा देवी छिनतई की पुलिस को दी तो उसने यथोचित कार्रवाई करने के बजाय उल्टे बदसलूकी की और उसके नावालिग बेटा-बेटी के साथ मारपीट किया।
किरण देवी का कहना है कि जब वह थाने में जाकर अपने साथ हुई घटना की शिकायत करनी चाही तो वहां मौजूद पुलिस वालों ने उनके ऊपर तमाचा उठाकर भागने जाने को बोला।
सवाल उठता है कि जिन पुलिस कर्मियों पर मेला में आई भीड़ की सुरक्षा का भार है, अगर वहीं पीड़ित महिला और उसके बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार करे तो फिर मेला थाना का क्या औचित्य रह जाता है।