Home देश तीर्थपूजन और ध्वजारोहन के साथ राजगीर का राजकीय मलमास मेला शुरू

तीर्थपूजन और ध्वजारोहन के साथ राजगीर का राजकीय मलमास मेला शुरू

राजगीर तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए सज धज कर तैयार है । यहां तीर्थ यात्रियों के लिए सरकार द्वारा हर संभव बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई गई है। मेला क्षेत्र में पथ प्रकाश की व्यवस्था के तहत 1200 एलईडी लाइट,  हाई मास्क लाइट, सोडियम वेपर लाइट तो लगाए ही गए हैं। पहली बार मलमास मेला क्षेत्र में 13 जगहों पर वाटर एटीएम लगाए गए हैं। राजगीर  के अनुमंडलीय अस्पताल में आईसीयू व्यवस्था पहली बार की गई है।”

राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। तीर्थ पूजन, वैदिक मंत्रोंच्चारण और ध्वजारोहण के साथ राजगीर का राजकीय मलमास मेला बुधवार को शुरू हो गया।

rajgir malmas mela cm 2एक महीने तक चलने वाले इस मेले का ध्वजारोहण परमहंस स्वामी चिदात्मन  जी महाराज उर्फ फलाहारी बाबा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संयुक्त रुप से  ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मलमास मेला मोबाइल एप का लोकार्पण किया।

ध्वजारोहण होते ही मलमास मेला स्नान करने वाले श्रद्धालुओं  की भीड़ उमड़ पड़ी। मेला का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर संस्कृति की हृदय स्थल है। यहां अनादिकाल से मलमास मेला का आयोजन किया जाता है। 13 वर्षों से मुख्यमंत्री भी हैं, लेकिन मेला के उद्घाटन समारोह में पहली बार उपस्थित होने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है।

उन्होंने कहा कि राजगीर प्राकृतिक, कुदरत और धार्मिक स्थल है। यहां आने पर मन को शांति मिलती है। राजगीर के साधु-संतों, बुद्धिजीवियों  और पंडा कमेटी के आग्रह पर सरकार ने राजगीर के इस पौराणिक व धार्मिक मलमास मेला को राजकीय मेला का दर्जा दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बचपन से ही मलमास मेला में आते रहे हैं। पहले वे वी वी लाइट रेलवे से मेला नहाने और देखने आते थे। तब बख्तियारपुर से राजगीर आने में चार घंटे लगते थे।

राजगीर के धार्मिक महात्म और गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राजगीर की पंच पहाड़ियां 10 हजार करोड़  साल पुरानी  पुरानी है। इन्हीं पहाड़ियों से गर्म जल की धाराएं कुण्डो में आती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर सर्वधर्म समभाव का  संगम है। यहां के हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख और मुस्लिम समुदाय के लोग धार्मिक सहिष्णुता के मिशाल है। यहां भगवान बुद्ध, तीर्थंकर महावीर, गुरु नानक देव और मखदूम साहब आते रहे हैं। इसका इतिहास गवाह है।

उन्होंने कहा कि राजगीर में जहां गुरुनानक देव ठहरे थे। वहां का पानी शीतल है। उनके नाम पर राजगृही में एक नानक कुंड भी है। इस कुंड का सौन्दर्यीकरण  किया गया है। उनकी इच्छा है कि राजगीर में एक आकर्षक गुरुद्वारा बने। लेकिन जंगल- पहाड़  कुछ  इसमें आड़े आ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राजगीर का विश्व शांति स्तूप दुनिया में शांति और अमन चैन का संदेश फैला रहा है। राजगीर का रोप-वे देश का पहला रोप-वे है। उसके बगल में फोरसीटर नया  रोप-वे बनाया जा रहा है। वेणुवन का विकास और विस्तार की कार्रवाई की जा रही है।

नीतीश कुमार ने कहा कि राजगीर में  राष्ट्रीय जू-सफारी बनाया जा रहा है । जहां वन प्राणी खुले में रहेंगे और देखने वाले बंद गाड़ी में रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तथा निगरानी रखने के लिए 48 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि मेले में बिजली-  पानी की अवाधित आपूर्ति, विधि व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त और सफाई की उत्तम व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं ताकि, मेला में आए साधु-संतों और श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई का सामना नहीं करना पड़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजगीर पौराणिक धार्मिक तीर्थ  स्थल है। मानव अपना कर्तव्य को निभाएं यही धर्म है। उन्होंने कहा कि यहां आए तीर्थयात्रियों को कोई कष्ट न हो इसके लिए सरकार कृतसंकल्प है।

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के अध्यक्ष नवीन नागर चतुर्वेदी के नवम्बर में मथुरा पधारने के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा जब उन्हें बुलाया जाए वे इसके लिए तैयार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजकीय मलमास मेला की व्यवस्था जानने के लिए मोबाइल ऐप बनाया गया है। इस एप से मेले की व्यवस्था की जानकारी मिलेगी।

इस अवसर पर परमहंस स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि विश्व की संस्कृति की जननी भारतीय संस्कृति है। सनातन धर्म के समान कोई दूसरा धर्म नहीं है। प्राचीन वैभव और गौरव से ओतप्रोत राजगीर के इस पवित्र धरती पर  प्रत्येक तीन  साल पर पुरुषोत्तम मास ( मलमास) मेला  का आयोजन किया जाता है। यह मेला राजगीर में अनादि काल से लग रहा है। तीर्थ पुरोहित और सरकार के द्वारा मिलकर इसकी व्यवस्था की जाती रही है।

उन्होंने  कहा कि इस पुरुषोत्तम मास में विश्व के सभी देवी-देवता राजगीर  पधारते हैं और एक महीने तक  कल्पवास करते हैं। यह अनुपम स्थल के साथ-साथ तपस्या और यज्ञ की पावन भूमि है। इस पवित्र नगर को ब्रह्मा के मानस पुत्र बसु ने बसाया था। इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा देकर मुख्यमंत्री ने राजगीर तीर्थ  और मलमास मेला के मान को बढ़ाया है।

इसके के लिए फलाहारी बाबा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को  साधुवाद दिया। बाबा ने कहा  इसी तरह बिहार और देश  के तीर्थो  सेवा करते करते रहें ।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अनेकता में एकता को स्थापित करने के लिए सफल प्रयास कर रहे हैं। उनके द्वारा बिहार में ऐतिहासिक कीर्ति स्थापित की जा रही है, जिसका अनुसरण पूरा देश कर रहा है।

उन्होंने मुख्यमंत्री के पूर्ण शराबबंदी, बाल विवाह , दहेज प्रथा एवं अन्य कुरीतियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की  स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने मुक्तकंठ से तारीफ की।

इस अवसर पर अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन नागर चतुर्वेदी, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधायक रवि ज्योति कुमार, राजगीर – तपोवन तीर्थ रक्षार्थ पंडा कमेटी के अध्यक्ष अवधेश उपाध्याय, राजगीर नगर पंचायत अध्यक्ष उर्मिला देवी ने विचार व्यक्त किया।

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय मंत्री धीरेंद्र उपाध्याय ने स्वागत भाषण और सुधीर उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

इस मौके पर ग्रामीण कार्य मंत्री एवं नालंदा के प्रभारी मंत्री शैलेश कुमार, ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, सीएम के सचिव सह नालंदा के प्रभारी पदाधिकारी अतिशचन्द्रा, विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार, चंद्रसेन प्रसाद, पूर्व मंत्री सत्यदेव नारायण आर्य,  एमएलसी रीना यादव, हीरा प्रसाद बिंद, राजेश कुमार सिंह उर्फ राजू गोप एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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