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    Sunday, November 24, 2024
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      डीएम के आदेश से दर्ज इस क्रप्शन केस में एक को भी नहीं दबोच सकी चंडी पुलिस

      नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड एवं चंडी थाना के गिलानी चक गांव में  सीएम 7 निश्चय की महात्वाकांक्षी जल-नल योजना के तहत बनी जलमीनार बनते ही धाराशाही हो गई। चूकि यह गांव नीतीश सरकार में प्रभावशाली मंत्री माने जाने वाले सिंचाईं मंत्री ललन सिंह का पैत्रिक गांव है, सारा मामला मीडिया की सुर्खियां बन गई। इसके बाद डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने दोषी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये, लोकिन 4 माह बाद भी चंडी थाना पुलिस भ्रष्टाचार के आरोपियों को दबोचने में विफल रही है…..”

      nalanda cruption 2बिहार सरकार के सिंचाई मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पैतृक गाँव नगरनौसा प्रखंड के गिलानीचक में सात निश्चय योजना का जलमीनार अचानक ध्वस्त होकर गिर पड़ा। वो भी ग्रामीणों को एक बूंद पानी का दर्शन कराए बिना।

      प्रखंड में जलमीनार गिरने की यह पहली घटना नही थी। इसके कुछ दिन पूर्व ही प्रखंड के दामोदरपुर बलधा पंचायत के वार्ड नम्बर 10 में बना भी जलमीनार गिर गया था।

      चूकि यह माननीय मंत्री का गांव था, इसलिये नवनिर्मित जलमीनार पानी भरते ही एकाएक धाराशाही होने की खबर से समूचे प्रशासनिक महकमा में हड़कंप मच गया।

      इसके बाद नालंदा डीएम के निर्देश पर गोरायपुर पंचायत के पंचायत सचिव उमेश प्रसाद ने नालंदा के डीएम के पत्रांक 543/16 अप्रैल 2018 के आलोक वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंध समिति के सदस्यों पर प्राथमिकी दर्ज कराई।crupt bdo nagarnausa nalanda dm

      चंडी थाना में दर्ज उस एफआईआर में वार्ड सदस्या यशोदा देवी, सचिव सुधीर राम, जेई एलईओ-2 प्रवीण कुमार, पंच कबूतरी देवी, जीविका के रेणू देवी, सदस्य हरेन्द्र राम, पिंकू कुमार,  अनुसूचित जाति सदस्या गुड़िया देवी को नामजद अभियुक्त बनाया गया।।

      उस दर्ज प्राथमिकी आवेदन में पंचायत सचिव ने लिखा था कि सीएम सात निश्चय योजना के अंतर्गत कार्यान्वित नल-जल योजना के तहत सात सदस्यीय वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति कार्यान्वयन एजेंसी होतीं है, जिसकी जिम्मेवारी वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव की होती है।

      साथ ही योजना की गुणवत्ता का ख्याल रखने की जिम्मेवारी जेई की होती है। लेकिन वे सब इस मामले में लापरवाही दिखाई। जिसकी वजह से जलमीनार गिर पड़ा। हालांकि इस मामले में तात्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी अरविंद कुमार सिंह की भूमिका कम संदिग्ध नहीं थी।

      nalanda fir cruption 1 1नालंदा डीएम ने अपने कार्यालय पत्रांक-543, दिनांक- 16.04.2018 द्वारा नगरनौसा प्रखंड के बीडीओ को गोराईपुर पंचायत के वार्ड संख्या-0 में सात निश्चय योजना तहत कंक्रीट स्टैंड के टूटने के संबंध में 24 घंटे के भीतर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति एवं संबंधित कनीय अभियंता के विरुद्ध स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कर अनुपालन प्रतिवेदन देने का आदेश दिया था।

      डीएम ने अपने आदेश में लिखा था कि उक्त वार्ड में टंकी हेतु कंक्रीट टूट गया है। स्पष्ट है कि निर्माण कार्य में न तो अधोस्ताक्षरी के निर्देश का पालन किया गया और न ही गुणवत्ता का ध्यान रखा गया।

      लेकिन डीएम के आदेश के अनुरुप बीडीओ ने खुद एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही नहीं की, बल्कि पंचायत सेवक के जरिये जेई समेत 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर कराया, जो खुद सारे मामले में संदेहास्पद प्रतीत हैं।

      जबकि एफआईआर दर्ज करने वाले पंचायत सेवक ने ही अपने कार्यालय पत्रांक-05/18  द्वारा घटना के करीब 2 माह  पहले गोराईपुर पंचायत के वार्ड-05 के वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के वार्ड सचिव को निर्माण कार्य में बरती जा रही अनियमियता की ओर ध्यान आकृष्ट कराया था। इस पत्र की प्रतिलिपि नगरनौसा बीडीओ को भी प्रेषित की गई थी। लेकिन तब इसकी सुध न तो वार्ड समिति के लोगों ने ली और न ही बीडीओ के कानों में जूं रेंगी।

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      तात्कालीन बीडीओ अरविंद कुमार सिंह को थी भ्रष्टाचार की सब कहानी मालूम…..

      उस पत्र में पंचायत सेवक ने साफ तौर पर लिखा था कि सरकारी प्रावधानों के अनुसार पानी टंकी का निर्माण लोहे के स्टैंड पर होना है, फिर भी ईंट-बालू-सिमेंट के इस्तेमाल कर   कंक्रीट का निर्माण जिस तरह से किये जा रहे हैं, वह योजना निर्देशों का खुला उल्लंघन है। अगर ऐसा किया गया तो भविष्य में जलमीनार का ध्वस्त होना तय है।

      तब यह उठा था कि जब नगरनौसा बीडीओ को सब कुछ की जानकारी पहले से थी तो फिर उन्होंने मिली शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान क्यों नहीं लिया। यही नहीं, उन्होनें अपने अधिकार क्षेत्र से आवंटित करीब 13 लाख रुपये में 11 लाख रुपय की स्वीकृति कैसे दे दी।

      बहरहाल, भ्रष्टाचार के ऐसे नंगे खेल को लेकर दर्ज प्रशासनिक एफआईआर पर भी चंडी थाना पुलिस द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं करना और नामजद अभियुक्तों को खुला छोड़ देना उसकी कार्यशैली के साथ ईमानदारी पर भी सवाल उठाता है। साफ आरोप है कि पुलिस ले-देकर मामले को रफा-दफा करने की जुगत कामयाब करने में जी-जान से जुटी है। (जारी…)crupt bdo nagarnausa nalanda dm 1

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