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टीवी न्यूज एकंर से कुशल प्रशासक बने सृष्टि राज सिन्हा पंचतत्व में विलीन

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सृष्टि राज सिन्हा ने कभी किसी पत्रकार से नहीं कहा कि आप मेरे खिलाफ खबर मत लिखिए। हां, लेकिन वे मीडियाकर्मियों से हमेशा अपील करते थे कि सब कुछ लिखिए, लेकिन समाज और समुदाय को तोड़ने वाली खबरों से बचिए….”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के हिलसा अनुमंडल के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी एवं सहरसा जिले के वरीय उप समाहर्ता सृष्टि राज सिन्हा की कथित डेंगू से अचानक मौत हो जाने की खबर से लोग सदमे में आ गए।hilsa sdm shristi raj sinha deth 6

सृष्टि राज सिन्हा जहां भी रहे, एक कुशल प्रशासक के रूप में काफी लोकप्रिय रहे। वे सहरसा के वरीय उप समाहर्ता के पद पर स्थानांतरित होने के बाद जब वे बीते शनिवार को विदा हुए थे तो किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि ये उनसे आखिरी मुलाकात होगी। सृष्टि राज बिहार प्रशासनिक सेवा के 48-52वीं बैच के पदाधिकारी थे।

27 अक्टूबर को वे नए अनुमंडल पदाधिकारी वैभव चौधरी को पदभार सौंप कर के लिए रवाना हो गए थे। उन्हें उसी दिन रात में बुखार आ गया। जिससे पारस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और बुधवार की रात तकरीबन 10:30 बजे निधन हो गया।

तकरीबन 2 वर्ष हिलसा के अनुमंडल पदाधिकारी के पद पर रहे दिवंगत सृष्टि राज सिन्हा अपने पीछे पत्नी अर्चना कुमारी व 6 वर्षीय पुत्र सूर्यांश सिन्हा, पिता चंदेश्वर प्रसाद सिंहा, छोटा भाई आनंद नाथ, मां एवं बहन को छोड़ गए।

बिहार प्रशासनिक सेवा में आने के पहले वे मीडिया जगत से जुड़े हुए थे। उनके करीबी बताते हैं कि एक टीवी न्यूज नेटवर्क के लिए एंकरिंग किए थे। पूर्व में मीडिया से जुड़े रहने के कारण मीडियाकर्मियों से काफी लगाव था। मीडिया कर्मियों को सहयोग करते थे।

सृष्टि राज सिन्हा की डेंगू से मौत हो जाने की खबर के बाद यह चर्चा जोरों पर है कि वह हिलसा में रहते हुए डेंगू से ग्रसित हो गए थे।

इस चर्चा को इसलिए भी बल मिलता है कि बीते शनिवार को पदभार सौंपने के बाद वह सीधे पटना के लिए रवाना हो गए थे। और उसी रात उन्हें बुखार होने पर पटना के पारस हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जांच परीक्षणों में डेंगू के लक्षण पाए गए थे।

दिवंगत पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी सृष्टि राज सिन्हा का गुरुवार की शाम में पटना जिला के फतुहा अवस्थित शमशान घाट पर गंगा किनारे दाह संस्कार किया गया।

उनके दाह संस्कार में नालंदा के डीडीसी, हिलसा के अनुमंडल पदाधिकारी वैभव चौधरी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुतफिक अहमद, हिलसा के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी चंद्रशेखर प्रसाद सिंह, एएसपी विश्वजीत दयाल, हिलसा के भूमि सुधार उप समाहर्ता अनिल कुमार सिंहा, डॉ विश्वनाथ प्रसाद, विजय कुमार विजेता, आशुतोष कु. मानव, मुखिया पवन कुमार, पंडित संजोगानंद पाठक के अलावे हिलसा के सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

सृष्टि राज सिन्हा को उनका एकमात्र पुत्र सूर्यांश सिन्हा ने मुखाग्नि दी। मुखाग्नि देने के वक्त माहौल बहुत ही गमगीन हो गया था। अपने पिता को वह टकटकी लगाए देखे जा रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक पापा कैसे चल बसे।

उधर, दिवंगत आत्मा की शांति के लिए समाहरणालय में डीएम डॉ त्यागराजन एसएम, डीडीसी, अपर समाहर्ता राम बाबू सिंह, प्रकोद कुमार, अमरेन्द्र कुमार, संजय कुमार, भूमि सुधार उपसमाहर्ता कुमार प्रशांत, डीएसओ रविशंकर उरावं के अलावा अन्य पदाधिकारी व कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रख भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

हिलसा अनुमंडल कार्यालय में 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के अलावे समस्त अनुमंडल कर्मी शामिल थे।

हिलसा के निजी विद्यालय भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के सदस्यों के द्वारा भी शोक सभा का आयोजन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

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