Home देश जीवन के सबसे बुरे दौर से जूझते राजनीति के महारथी लालू

जीवन के सबसे बुरे दौर से जूझते राजनीति के महारथी लालू

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बड़ा सवाल कि सियासी तिकड़मों से कैसे जीतेगा राजद? देश, राज्य की तमाम एजेंसियां (सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग,विजिलेंस ब्यूरो) इसे जांच रही हैं। लालू परिवार अभी देश का इकलौता परिवार है, जिसके खिलाफ देश की सभी बड़ी एजेंसियां जांच कर रही हैं। जो तेजी है, लालू या उनके परिजनों का एक संकट समाप्त नहीं होगा कि उनको दूसरे-तीसरे मोर्चे पर जूझना होगा।”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। (मधुरेश सिंह)। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, जिंदगी के सबसे बुरे दौर में हैं। वो आरसी64 ए/96 में जमानत के लिए झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे ही कि आरसी68ए/96 में उनको 5 साल की सजा हो गई।lalu prasad yadav

अभी आरसी 38 ए/96,आरसी 47 ए/96 व आरसी 63 ए/96 में फैसला आना बाकी है। उन पर और उनके परिजनों पर 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के भी मामले हैं। यानि जमानत से पहले दूसरे मामलों में सजाएं या तबाही वाली कार्रवाई या फिर जेल-जमानत का बहुत लंबा चक्कर, बहुत दूर तक उनका पीछा छोड़ता नहीं दिखता।

इस दुष्चक्र से सपरिवार निकलना और सियासी तिकड़मों से राजद को बचा लेना,तगड़ी चुनौती है। लालू इतने कठिन मोर्चों पर एक साथ कभी नहीं जूझे थे।

सबसे बड़ी दिक्कत है कि उनकी विरासत संभालने वाले बेटे (तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव) भी आरोपों के दायरे में हैं। उन पर जांच चल रही है।

जदयू और भाजपा के नेता लालू को खत्म (फिनिश) हुआ मान चुके हैं। कह रहे हैं कि लालू अब जेल में ही रहेंगे।

भाजपा ने लालू को यह सलाह तक दे दी -‘तेजस्वी या तेजप्रताप की बजाय दूसरे को नेतृत्व सौंपे। तभी राजद बचेगा। चूंकि यही दोनों नहीं, आपके लगभग सभी परिजन जांच एजेंसियों के जांच के दायरे में हैं।’  

इन बातों के मायनों से राजद खूब वाकिफ है। तीसरे मामले में लालू के सजायाफ्ता होने पर तेजस्वी यादव ने बड़े शांत भाव से कहा भी-‘हमें आश्चर्य नहीं है। अभी तो दो और मामलों में फैसला आएगा। लालू जी को तो फंसाया गया है।’

राजद भी माने हुए है कि यह सब होना ही था। इसलिए उसने लंबी कानूनी लड़ाई के साथ ‘जनता की अदालत’ में फरियाने की बात तय की कानूनी पक्ष के साथ राजनीतिक लड़ाई को तवज्जो दिया है। यह राजनीतिक कवायद, राजद को एकजुट रखने में कितना कामयाब रहा, आगे इसकी परख होगी।

लालू तीन मामलों (आरसी 20 ए/96, आरसी 64 ए/96, आरसी 68ए/96) में सजायाफ्ता हो चुके हैं। चारा घोटाला के अलावा लालू और उनके परिजनों पर 1000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले हैं।

रेलवे के दो होटल को कोचर बंधुओं को देने की एवज में उनसे बेली रोड (पटना) पर जमीन लेने के मामले में सीबीआई लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव के अलावा राबड़ी देवी पर एफआईआर की हुई है।

एजेंसियां, कार्रवाई के क्रम में छापामारी, पूछताछ, संपत्ति की जब्ती आदि कर चुकी है। लालू की पुत्री व सांसद डॉ.मीसा भारती और दामाद शैलेश कुमार का फार्म हाउस अटैच हुआ।दूसरी बेनामी संपत्तियां अटैच हुईं।

लालू की दो बेटियों चंदा व रागिनी की कुछ संपत्ति भी जांच के दायरे में है। बेली रोड (पटना) पर बन रहा बिहार का सबसे बड़ा मॉलजब्त हुआ। इसकी मिट्‌टी की बिक्री की जांच विजिलेंस कर रही है। तब पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव थे। शेल कंपनियों का मामला है।

परेशानियों के ढेरों मोर्चे हैं। देखें इन सबसे उबरते कैसे हैं?  वैसे अब तक उनके साथ यह दिलचस्प संयोग रहा है कि वे जितना नीचे जाते हैं, कुछ दिन बाद अचानक उतना ही ऊपर आते हैं। अबकी क्या होगा?

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