गिरियक (नालंदा)। बिहार सरकार के लाख फरमान के बाद भी आज तक गिरियक के सभी कब्रिस्तानों का घेरा बंदी नहीं किया जा सका। इसके लिए अधिकारियों की ओर से सिर्फ खानापूर्ति ही की गई। यही वजह है कि आज भी कब्रसतानों का अतिक्रमण जारी है।
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री ने पुरे कब्रिस्तान के अतिक्रमण और उसके लेकर होने वाले विवाद को खतम करने को लेकर सभी कब्रिस्तानों की घेरा बंदी करने का हुक्म दिया गया। इस ओर काफी पहल भी की गई।
लेकिन स्थानीय प्रशासन ने गिरियक प्रखंड के कई गाँवों के कब्रिस्तान की घेरा बंदी महज कागजों पर ही पुरा कर अपना कोरम पूरा कर लिये। जिसके कारण कब्रिस्तानों की भूमि पर आज भी अतिक्रमण करने दबंगों के हौसले बुलन्द हैं।
इस मामले में आदमपुर में बहुत कम संख्या में अल्प संख्यक मुस्लिम समुदाय के लोग रह रहे हैं। जिनकी मृत्यु के बाद उनका उसी गाँव में स्थित कब्रिस्तान में दफन किया जाता है। लेकिन उसी गाँव के कुछ दबंगों द्वारा कब्रिस्तान के जमीन का अतिक्रमण कर मकान बनाया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में स्थानीय अधिकारियों को सूचना दी गई, लेकिन किसी अधिकारी ने इस अतिक्रमण पर रोक नहीं लगाया गया। जिसके कारण आज अतिक्रमणकारियों के हौसले बढ़ती गई और दर्जनों मकान कब्रिस्तान पर बना दिया गये । प्रशासन और अधिकारियों के प्रति उनका विशवास टूटता नजर आ रहा है।
दर्ज खतियान के अनुसार खाता नम्बर 230, खसरा 24, रकबा 4 एकड़ 30 डिसमिल कब्रिस्तान है, जिसमें मुस्लिम शव का दफन होता रहा है। लेकिन इस कब्रिस्तान पर आज भी कुछ लोगों के द्वारा अतिक्रमण कर मकान बनाने का सिलसिला जारी है।
इन लोगन लोगों ने सात निश्चय योजना के तहत बनने वाले शौचालय भी बना दिया है। इस सम्बन्ध में बीडीओ उदय कुमार ने बताया कि लोगों को इस बारे में आगाह भी कर दिया गया कि कब्रिस्तान के जमीन पर शौचालय बनाने वालों को सरकारी प्रोत्साहन कि राशी नहीं दिया जाएगा, इसके बाद भी शौचालय बनाया गया है।