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    Monday, November 25, 2024
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      कौन है महाठग संजय तिवारी?  रांची में SBI को छोड़ कोई नहीं जानता

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। झारखंड की राजधानी रांची सरकारी मध्यान भोजन के 100 करोड़ रुपये को एसबीआई की हटिया शाखा में अपने एकाउंट में ट्रांसफर करवाने वाले संजय तिवारी कौन है ?  रांची शहर में कोई नहीं जानता।   

      स्टेट बैंक हटिया के बैंक मैनेजर भी संजय तिवारी के बारे में कुछ खास नहीं बता रहे हैं। वे महज इतना बता पा रहे हैं कि उसका बैंक में एक खाता यहां है। उस खाते में पहले से 4.75 करोड़ रुपये थे।

      5 सितंबर को उसके खाते में सौ करोड़ एक लाख रुपये गए तो उसने आधी रकम झटके में निकाल ली। वैसे गलती से किसी के खाते में इतनी रकम आती है तो वह बैंक को खबर करता है। यहां ऐसा नहीं हुआ। इसलिए बैंक के अफसर भी घेर में हैं।

      वैसे तिवारी का ट्रैक रिकॉर्ड दागदार है। वह  गोमो में सिकलाइन कॉलोनी निवासी मशहूर शिक्षक स्व. एसबी तिवारी का सबसे छोटा बेटा है। संजय तिवारी का ठगी से पुराना नाता रहा है। उसके दो भाई उससे नाता तोड़कर असम में रहते हैं। 

      संजय ने सबसे पहले नौकरी दिलाने के नाम पर गोमो में ही जान-पहचान के लोगों से 18 लाख ठगे। फिर टाटा कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा।

      टावर लगाने के नाम पर झारखंड एवं बिहार के मोकामा में 50 लाख से अधिक की ठगी की थी। मोकामा में केस भी दर्ज हुआ जिसमें उसने सरेंडर किया था।

      बेरमो के एक व्यक्ति से नौकरी दिलाने के नाम पैसे ले लिए। इस केस में रांची में सरेंडर कर दिया। 21 लाख की ठगी के केस में उसकी पत्नी गायत्री भी नामजद है।

      धनबाद में उसके घर की कुर्की हो चुकी है। जमशेदपुर में भी किसी उपेंद्र सिंह के साथ 15 लाख की ठगी का केस उस पर चल रहा है।
      रांची में हरमू में बीजेपी दफ्तर के सामने उसने दफ्तर खोला मगर अब बंद है। अशोक नगर में भी उसने एक कंपनी खोली।

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