“डीआईजी ने वीडियो फुटेज देखकर पत्रकार एवं उसके पिता के विरुद्ध हुए कार्रवाई पर दुख जताया और उन्होंने मामले की पूरी जांच कराने की बात कही है…”
सरायकेला (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। जिले के राजनगर थाना अंतर्गत बनकाटी गांव में पिछले दिनों ग्रामीणों ने मुखिया द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का विरोध किया। इससे मुखिया प्रतिनिधि मेमलता महतो एवं उनके पति नरेराम महतो आक्रोशित हो गए और ग्रामीणों से उलझ पड़े।
इस घटना की सूचना मिलते ही गोविंदपुर पंचायत की मुखिया सावित्री मुर्मू भी घटनास्थल पर पहुंची। उसके बाद मुखिया के समर्थक और भी उग्र हो गए।
इस दौरान विरोध का कवरेज कर रहे पत्रकार वीरेंद्र मंडल से वीडियोग्राफी ना करने की बात मुखिया एवं उनके समर्थकों ने की, लेकिन वीरेंद्र ने ऐसा नहीं किया, जिससे मुखिया एवं उनके समर्थक और भी उग्र हो गए और वीरेंद्र मंडल के पिता से उलझ गए और लाठी डंडे से उनकी पिटाई शुरू कर दी।
इधर अपने पिता को पिटता देख पत्रकार बचाव में उतर गया और किसी तरह से अपने पिता को वहां से हटाया। वहीं पूरे मामले की सूचना तत्काल पत्रकार के राजनगर थाना को दी।
लेकिन राजनगर थाना में मुखिया ने पत्रकार एवं उसके पिता पर SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करा दिया, जिसे SDPO ने बगैर घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों का पक्ष लिए सत्य बताते हुए FIR दर्ज करने का फरमान सुना दिया।
इधर एसडीपीओ की कार्रवाई से नाराज ग्रामीणों ने जिले के एसपी से मामले का निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध किया,जिसे एसपी ने करना जरूरी नहीं समझा। इसके बाद ग्रामीणों ने पूरे मामले से सीएमओ को भी अवगत कराया।
वैसे सीएमओ ने कोल्हान प्रमंडल के डीआईजी को पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए पत्र भी लिखा, लेकिन उस पर कोई कारवाई नहीं हुआ और अंततः सरायकेला पुलिस ने पत्रकार वीरेंद्र मंडल और उसके पिता को जेल भेज दिया।
इधर पुलिस की दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई से आहत ग्रामीण कल देर रात कोल्हान के डीआईजी कुलदीप द्वेदी से मिलकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने का मांग की है।
कहते हैं कि डीआईजी ने वीडियो फुटेज देखकर पत्रकार एवं उसके पिता के विरुद्ध हुए कार्रवाई पर दुख जताया और उन्होंने मामले की पूरी जांच कराने की बात कही है।
साथ ही डीआईजी ने साफ कर दिया है कि मामले में जो भी दोषी होंगे, चाहे वह कितना भी बड़ा शख्सियत क्यों नहीं हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा। डीआईजी ने ग्रामीणों को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया।
डीआईजी से मिलने वालों में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी के नेता सह पूर्व विधायक अनंत राम टुडू एवं कुछ ग्रामीण थे।
बगैर ग्रामीणों का पक्ष लिए जिला पुलिस कैसे कर सकती है इतनी बड़ी कार्रवाईः
पूर्व विधायक अनंत राम टुडू ने बताया कि मामले में मुखिया को एक मोहरा बनाया गया है। अगर सच्चाई से जांच हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा।
हालांकि पूर्व विधायक ने बगैर ग्रामसभा किए मुखिया द्वारा इतने संगीन धाराओं के तहत पत्रकार एवं उसके पिता पर मामला दर्ज कराने पर भी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।
उन्होंने कहा है कि ग्राम सभा सर्वोपरि होता है। ऐसे में एक जनप्रतिनिधि को दुर्भावना से ग्रसित होकर ऐसे मामलों में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि डीआईजी कुलदीप द्विवेदी ने पूरे मामले का गंभीरता से अध्ययन किया और पूर्व विधायक को पूरे मामले की कॉपी और वीडियो क्लिप की सीडी बना कर देने को कहा है।
डीआईजी से मिलकर पूर्व विधायक एवं ग्रामीण काफी संतुष्ट दिखे। वैसे अब देखने वाली बात यह होगी की डीआईजी कब इस मामले में संज्ञान लेते हैं और कब जांच शुरू होती है।
वैसे डीआईजी ने ग्रामीणों से कहा है कि जरूरत पड़ी तो घटना के दिन मौजूद सभी ग्रामीणों का बयान कलम बंद किया जाएगा। जिसके लिए ग्रामीण सहर्ष तैयार दिखे। वैसे ग्रामीणों की भी यही मांग रही है। ग्रामीण चाहते हैं कि जल्द से जल्द उनकी भी बातों को सुना जाए ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके।
यहां से इंसाफ नहीं मिला तो मामला रांची तक लेकर जाऊंगा: अनंतराम टुडू
उक्त बातें कोल्हान डीआईजी कुलदीप द्विवेदी से मिलकर लौटने पर पूर्व विधायक अनंत राम टुडू ने कही।
उन्होंने कहा है कि अगर यहां से उन्हें इंसाफ नहीं मिलता है तो पूरे मामले को लेकर वे राज्य के पुलिस महानिरीक्षक और मुख्यमंत्री तक जाएंगे, लेकिन इंसाफ की लड़ाई में गलत का साथ नहीं देंगे।
उनका मानना है कि पूरे प्रकरण में सरायकेला पुलिस दुर्भावना से ग्रसित होकर मुखिया को मोहरा बनाकर पत्रकार और उसके पिता को फंसा रही है।
पूर्व विधायक ने कहा कि पूरे मामले का पर्याप्त प्रमाण उनके पास है, जहां जरूरत पड़ेगी वे देने को तैयार हैं।
मुखिया पिट रही थी और उसका पति बना रहा था वीडियो!
घटना का एक और पहलू यह भी सामने आया है, जो बेहद ही हास्यास्पद और दुर्भावना से ग्रसित प्रतीत होता है।
विधायक अनंत राम टुडू बताते हैं कि जरा सोचिए किसी की पत्नी पिट रही है, उनकी अस्मिता पर प्रहार किए जा रहे हैं और उसका पति उसका वीडियो क्लिप बना रहा है। इससे क्या प्रतीत होता है। मुखिया पति को भी अपनी पत्नी को नहीं बचाने के मामले में दोषी करार दिया जाना चाहिए।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि पूरे मामले को क्रिएट किया गया है और इसमें कहीं से भी कोई सच्चाई नहीं है। अगर जांच सच्चाई से हुई तो निश्चित तौर पर पूरा मामला सामने आएगा।