एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार में सुशासन है। इसका कितना असर सत्तासीन दलों पर दिखता है, इसकी एक ताजा बानगी है भाजपा के केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे का रामनवमी के दिन तलवार लहराते हुये खुल्लेआम सड़कों पर उतरना। अर्जित शाश्वत ने पुलिस के पुलिस अरेस्ट वारंट को धत्ता बताते हुए सड़कों पर उतर कर उत्तेजक नारे लगाए।
इस दौरान अर्जित के हाथों में लाल रंग से रंगी तलवार भी थी, जिसे लहराकर ‘दुश्मनों’ को खुली चुनौती दी जा रही थी।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि वारंटी अर्जित शाश्वत इस दौरान अकेले नहीं थे। उनके साथ भारतीय जनता पार्टी के दो-दो विधायक भी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ मौजूद थे। इसका वीडियो प्रमाण मौजूद है। यह वीडियो प्रमाण खुद अर्जित शाश्वत चौबे के फेसबुक पेज पर मौजूद है।
आज रविवार 25 मार्च को रामनवमी के दिन दंगा भड़काने के मामले में वारंटी अर्जित शाश्वत का इस तरह खुलेआम विधायकों के साथ सड़क पर उतरना बड़े सवाल खड़े कर रहा है।
इस वीडियो में भगवाधारी अर्जित शाश्वत काफी देर तक सड़कों पर तलवार के साथ नारेबाजी करते और रामनवमी के जुलूस में शामिल होते देखे जा सकते हैं।
उनके साथ राजधानी पटना के भाजपा के दो विधायक आशा सिन्हा और संजीव चौरसिया को भी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ देखा जा सकता है।
पटना के इन दोनों विधायकों को एकसाथ देखकर यह माना जा सकता है कि यह वीडियो राजधानी पटना के ही किसी इलाके का है।
बड़ा सवाल यह है कि आखिर कैसे दंगा भड़काने के आरोप में वारंट जारी होने के बाद भी अर्जित शाश्वत राजधानी में ही प्रशासन की नाक के नीचे विधायकों के साथ सड़क पर घंटे भर से अधिक समय तक उतर सकते हैं।
इस वक़्त राजधानी में पुलिस-प्रशासन वैसे भी सुरक्षा के चाक-चौबंद होने के दावे कर रहा है। इस बीच अर्जित शाश्वत का इस तरह खुलेआम सड़कों पर तलवार लहराते, भाजपा विधायकों के साथ दिखना कई सवाल खड़े करता है।
मालूम हो कि बीते 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में हुई घटना के बाद नाथनगर थाना में दारोगा हरिकिशोर चौधरी के बयान पर प्राथमिकी संख्या 176/018 दर्ज की गई थी।
जिसमें अर्जित शाश्वत चौबे, अभय कुमार घोष उर्फ सोनू घोष, प्रमोद कुमार वर्मा उर्फ पम्मी, देव कुमार पांडे, निरंजन सिंह, संजय भट्ट, सुरेंद्र पाठक, अनुपलाल साह उर्फ प्रणव दास को नामजद अभियुक्त बनाया गया है।
इन पर आरोप लगाया गया कि 17 मार्च को इनके द्वारा जुलूस में हथियार के द्वारा प्रदर्शन किया गया। आपत्तिजनक गीत बजाया गया। जिसके कारण वहां का आपसी सौहार्द बिगड़ गया।
इसेक बाद आज रविवार को ही एसीजे सह प्रभारी सीजेएम की अदालत द्वारा अश्विनी चौबे के बेटे समेत 9 लोगों के खिलाफ जारी किया गया। इस खबर के बाद से बिहार की सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है।