“नालंदा का चंडी प्रखंड गजब का प्रखंड है। यहाँ अब ‘कागज चोर’ भी पैदा हो गए हैं। इसे लापरवाही कहा जाएगा या फिर अपने भ्रष्टाचार के कारनामे को छिपाने का एक प्रयास…..”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। इस प्रखंड की लाखों -करोड़ों योजनाओं के कागजात क्या एक जर्जर खंडरनुमा भवन के सहारे सुरक्षित रखा जा सकता है। लेकिन चंडी प्रखंड में ऐसा होता है। इस चोरी के पीछे कई सवाल और रहस्य छिपे हुए है।
नालंदा के चंडी प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित एक जर्जर खंडरनुमा भवन से जरूरी कागजात की चोरी की एक एफआईआर चंडी थाना में लिखाई गई है। कई पंचायतों के प्रभार में रहे पंचायत सेवक अरविंद कुमार के द्वारा चंडी थाना में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पंचायतों के जरूरी कागजातों की चोरी खिड़की दरवाजे तोड़कर कर ली गई है।
घटना की सूचना मिलते ही चंडी के पुलिस अंचल निरीक्षक शेर सिंह तथा थानाध्यक्ष मुकेश कुमार ने प्रखंड कार्यालय के उस जर्जर भवन का निरीक्षण किया, जहाँ से पंचायत की योजनाओं की कागजात की चोरी हो गई ।
चंडी प्रखंड के कई पंचायतों के योजनाओं से जुड़े जरूरी कागजात प्रखंड परिसर के एक जर्जर खंडरनुमा भवन में रखा जाता था।
भवन को दूर से ही देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि चंडी प्रखंड के पंचायतों में विकास का खाका तैयार करने वाले कागजात एक ऐसे भवन में रखा जाता था, जो खुद अपने आप में विकास पैदा नहीं कर सका।
चोरी की सूचना पाकर पहुँचे अंचल निरीक्षक भी खंडरनुमा भवन में कागजात रखें जाने को लेकर अंचभित दिखें।
पंचायत सेवक की ओर से कहा गया है कि कागजात की चोरी खिड़की दरवाजे तोड़कर किया गया है। लेकिन उस भवन को देखकर नहीं लगता है कि वहाँ खिड़की का भी कोई अस्तित्व रहा होगा।
हमारे संवाददाता लोकेश नाथ पांडेय ने जब उस जर्जर खंडरनुमा भवन का जायजा लिया तो वहाँ खिड़की का कोई नामों निशान नहीं था। अगर खिड़की होती तो खिड़की तोडे जाने का सबूत भी दिखता। लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखा। आदिम बक्से मिलें जिनके ताले टूटे दिखें। जहाँ तहां महत्वपूर्ण कागजात फैले मिले।
अब सवाल यह उठता है कि जब प्रखंड कार्यालय परिसर में कई भवन अच्छी हालत में है या फिर पंचायतों में भी भवन बनें हुए है तो किस आधार पर इतनी जरूरी कागजात को एक खंडनुमा भवन में रखने की जरूरत पड़ी ।
आखिर कौन चोर ऐसे कागजात की चोरी करने आएगा, जिन्हें इस चोरी से धन दौलत की जगह कागजात हाथ लगे।
इस चोरी को लेकर लोगों के जेहन में कई सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इस चोरी के पीछे अपने ही लोगों का ही हाथ तो नहीं है। लोगों में चर्चा है कि कहीं शिक्षक नियोजन के कागजात भी तो इसमें शामिल नहीं होंगे?
इधर चंडी बीडीओ विशाल आनंद ने बताया कि पंचायत सेवक की ओर से केस दर्ज कराया गया है जिसकी जांच पुलिस कर रही है।
लेकिन बीडीओ ने स्पष्ट नहीं किया कि आखिर किस प्रकार के कागजात की चोरी हुई है। जिसकी एफआईआर कराने की जरूरत आ पड़ी।फिलहाल इस चोरी के पीछे कई सवाल और रहस्य छूपे हुए है, जिसका अनुसंधान जरूरी है।