Home गांव-देहात ऐसे सड़े-गले कीड़ायुक्त चावल गरीब लोग कैसे निगलेगें सुशासन बाबू

ऐसे सड़े-गले कीड़ायुक्त चावल गरीब लोग कैसे निगलेगें सुशासन बाबू

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चंडी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के पीडीएस दुकानों के माध्यम से आम गरीबों को दो रुपया किलो सड़ा हुआ चावल वितरित कर उनके साथ भद्दा मजाक करते हुये उनके स्वास्थ्य से साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है।

आज फिर चंडी प्रखंड मुख्यालय परसर स्थित एसएफसी गोदाम में इस बार कीड़ायुक्त चावल भेजा गया है। यहां से प्रखंड से सभी पीडीएस दुकानों में भेजी जा रही है। nalanda pds cruption2

अब पीडीएस दुकानदार किस मुंह से ऐसे सड़े-गले कीड़ायुक्त चावल गरीबों को देगें, यह अलग सबाल है। दो माह पहले भी दो ट्रक कीड़ायुक्त चावल उतारा जा चुका है। लेकिन उस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।

गोदाम मैनेजर ने बताया कि यह चावल किसान वेयर हाउस परवलपुर व श्रुति वेयर हाउस हिलसा के गोदाम से आया है। हालांकि सूत्रों के अनुसार वे गोदाम एक लंबे समय तक सील रहे हैं।

इस संबंध में एक्सपर्ट मीडिया न्यूज द्वारा जानकारी देने पर हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी सृष्टि राज सिन्हा ने कहा कि अरवा चावल 6-7 माह पुरानी होने पर इस तरह की बातें सामने आती है। जब उनसे खाने योग्य अनाज नही होने शिकायत की गई तो उन्होंने चंडी एमओ से फौरिक जांच करवाने की बात कही।

इसके एक घंटा बाद जब चंडी एमओ से बात की गई तो उन्होंने एसडीओ से किसी तरह के मिली सूचना से साफ इंकार कर दिया और पहले बताया कि यह सब देखना एसडीएम का काम है। लेकिन जब उन्हें यह बताया गया कि चंडी प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित एसएफसी गोदाम मे पीडीएस दुकानों के लिये सड़ी-गड़ी कीड़ायुक्त चावल का भंडारन और वितरण की जा रही है तो उन्होंने कहा कि वे जाकर देख लेती हैं।

लेकिन चंडी एमओ गोदाम से बामुश्किल 20-25 कदम दूर अपने कार्यालय में बैठी रहीं। पहले उन्होंने एक डीलर को देखने के लिये भेजी। उसके बाद अपने कार्यालय के एक कर्मचारी को। बाद में गोदाम मैनेजर एक पॉलीथीन में अच्छे चावल लेकर एमओ कार्यालय में जाते देखा गये।

वरिष्ठ राजद नेता अर्जुन यादव ने कहा कि देश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू है, लेकिन  इस कानून का कहीं पालन नहीं हो रहा है। घटिया  चावल सप्लाई करने वाले किसी भी   दोषी लोगों  के खिलाफ विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके कारण घटिया चावल आपूर्ति करने वालों  के हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं। सूचना के बाद वरीय पदाधिकारी जांच की सिर्फ खानापूर्ति करते हैं। लेकिन अब तक कार्रवाई किसी पर नहीं हुई।

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट समाजसेवी उपेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से बत्तीस रुपया के दर वाला चावल गरीबों के लिए आता है। इसमें मात्र दो रुपया गरीब वर्ग को चुकाना पड़ता है। फिर भी गरीबों को कीड़ायुक्त चावल पर ही संतोष करना पड़ता है। यह पूरी व्यवस्था के लिये शर्म की बात है।  

पंचायत समिति सदस्य दयानंद यादव, रुखाई के पंस सदस्य गौतम कुमार, सालेहपुर पंस सदस्य ऋतु देवी के पति प्रमोद यादव आदि ने बताया कि एसएफसी गोदाम में ऐसा घटिया चावल उतर रहा है कि जानवर भी इस चावल खा नहीं सकते है। सरकार गरीब लाभुकों को यह चावल देकर बीमार बनाने पर तुली हुई है।

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