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    Sunday, November 24, 2024
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      इस बार बदल गया दही-चूरा के साथ राजनीति का भी स्वाद

      “पक्ष-विपक्ष सबकी नजर थी ‘खरमास खत्म’ के इस अंतिम भोज पर। राजनीतिक गलियारे में आज जमकर हुई ‘चूरा-दही’ की राजनीति। खाने के स्वद से ज्यादा वर्तमान राजनीति के स्वाद पर हुई चर्चा।”

      14 jan 201 18 2पटना (विनायक विजेता )। पूरी कथा लिखे जाने के पूर्व आपको लिए चलते हैं बिहार की राजनीति के छन-छन बदलते पिक्चर के सीन के ‘प्ले बैक’ की ओर। बीते वर्ष आज ही का दिन था। जब राजद-कांग्रेस के सहयोग से मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार दही-चूड़ा का भोज खाने लालू प्रसाद के पटना स्थित आवास पर पहुंचे थे।

      तब लालू प्रसाद ने अपने इन मुंहबोले छोटे भाई को दही में रोड़ी मिला तिलक लगाया था और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी और राज्य सभा सदस्य उनकी पुत्री मीसा भारती ने नीतीश के स्वागत में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी।14 jan 201 18 5

      उस वक्त विपक्ष में बैठे राजग गठबंधन की नजर इस बहुप्रतिक्षित और बहुचर्चित भोज पर था। तब दूसरे दिन से बयानबाजी भी शुरु हो गई थी। राजनति और समय का कालचक्र इन एक सालों में बदला।

      अब एक साल में ही बदल गया दही-चूरा के साथ राजनीति का भी स्वाद। लालू प्रसाद के जेल में होने और उनकी बडी बहन के आकस्मिक निधन के कारण उनके आवास पर तो इस वर्ष यह आयोजन नहीं हो सका।

      14 jan 201 18 3लेकिन जदयू, लोजपा व अन्य नेताओं के कार्यालय व आवास पर आज हुए ‘चूरा-दही’ के भोज पर खाने का स्वाद कम वर्तमान और भविष्य की राजनीति के स्वाद पर ज्यादा ही चर्चा हुई। चर्चा का केन्द्र बिन्दू भी जेल में बंद लालू प्रसाद ही रहे।

      मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सबसे पहले जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के निमंत्रण पर जदयू कार्यालय पहुंचे। उनके साथ विधानसभाध्यक्ष विजय चौधरी सहित कई नेताओं और सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने दही-चूड़ा का लुत्फ उठाया।

      इसके बाद सीएम उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के आवास सह लोजपा दफ्तर पहुंचकर वहां भी दही और तिलकुट खाकर औपचारिकताएं पूरी की।14 jan 201 18 4

      इधर प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष कौकब कादरी सहित कई नेता विधायक अवधेश सिंह के आवास पर जुटकर ‘चूरा-दही’ का आनंद उठाया।

      राजधानी पटना में आज कई राजनेताओं के आवास पर इस तरह का आयोजन हुआ जबकि राजनेताओं के इन राजनतिक स्टंटो से दूर रह कई समाजिक संस्थाओं और संगठनों ने गरीबों के बीच चूरा-दही का वितरण किया। (तस्वीरें- सोनू किशन)14 jan 201 18 1

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