“इस बजट की बड़ी विशेषता यह है कि इसमें सबसे ज्यादा खर्च शिक्षा मद में किया गया है। बजट में कुल पूंजीगत व्यय 45 हजार 270 करोड़ रुपए का है….
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बिहार विधान सभा में दो लाख करोड़ का बजट पेश किया। जिसमें सर्वाधिक जोर शिक्षा पर दिया गया है। बजट में शिक्षा पर 34 हजार 798 करोड़ की राशि शामिल की गई है।
विरोधी दलों के हंगामे के बीच बिहार के डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार का बजट पेश किया। 2019-20 के बजट का आकार 2 लाख करोड़ रुपये है। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सदन में 2004-05 के बजट से यह बजट 8 गुना ज्यादा है।
बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री सुशील मोदी ने सदन में दो लाख करोड़ का बिहार का बजट पेश किया।
बजट में कुल पूंजीगत व्यय 45 हजार 270 करोड़ रुपए का है। वेतन पेंशन एवं ब्याज भुगतान पर 88 हज़ार 188 करोड़ व्यय किए जाएंगे।
बजट पेश करते हुए वितमंत्री ने 34 हजार 798 करोड़ रुपए शिक्षा पर, लगभग 18 हजार करोड़ रुपए सड़कों पर, ग्रामीण विकास पर 15 हजार 669 करोड़ खर्च, गृह विभाग पर लगभग 11 हजार करोड़ खर्च किए जाने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री के बजट भाषण में सूबे में 11 मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बात कही है।
वित मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र-राज्य सरकार द्वारा नए 11 मेडिकल कॉलेज खोले जाने का प्रावधान है।जबकि बजट में सात निश्चय योजना के तहत 2019-20 में पेयजल योजना के लिए खास राशि का प्रावधान किया गया है।
सुशील मोदी ने घोषणा की कि विश्व की सबसे बड़ी बालक-बालिका साइकिल योजना योजना के तहत 19-20 में 292 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है।
पोशाक राशि 1000 से बढ़ाकर 1500 किया गया है, सेनेटरी नैपकिन के लिए दी जाने वाली राशि भी बढ़ा दी गई है।
बजटीय भाषण में वित्त मंत्री ने दावा किया कि बिहार के सभी गांवों में समय सीमा से पहले बिजली पहुंची है, जो ऐसा काम करने वाला देश का आठवां राज्य बन गया है।
उन्होंने घोषणा की कि अगले दो साल में बिहार के हर घर में बिजली की प्री पेड मीटर लगा दिया जाएगा।
बिहार सरकार के बजट में कृषि क्षेत्र का भी ख्याल रखा गया है। कृषि क्षेत्र के लिए बजट में कृषि विभाग को 2958 करोड़ रुपये का प्रावधान दिया गया है। वहीं वर्ष 2018-19 में सिंचाई के लिए 350 रू० प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान को बढ़ाकर 500 रुपये प्रति एकड़ कर दी गई है।
साथ ही वर्ष 2019-20 में जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए 6,000 के अनुदान को बढ़ा कर 8,000 प्रति किसान किया जाएगा।
देखा जाए तो इस बजट के जरिये नीतीश सरकार ने हर विभाग और हर वर्ग के बीच एक संतुलन बनाने की कोशिश की है, लेकिन 34798 करोड़ रुपये की योजना राशि के प्रावधान के साथ उनका मुख्य फोकस राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर ही ज्यादा दिखता है।