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इस कुतर्क के साथ लालू के गरीब रथ को बनाया जा रहा महंगा हमसफर

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“गरीब रथ ट्रेनों को हटाने के पीछे यह कुतर्क बताया जा रहा है कि अब इस ट्रेन की बोगियां बननी बंद हो गई हैं, जो काफी पुरानी हैं। इसकी जगह पर अब आधुनिक बोगियां बनाई जा रही हैं। इसलिए गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस ट्रेन में बदला जाएगा….”

garib rath lalu 2एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। गरीबों के एसी में सफर करने का सपना साकार करने के लिए साल 2006 में राजद सुप्रीमो और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीब रथ एक्सप्रेस की शुरुआत की थी।

लेकिन वर्तमान सरकार को लालू की यह योजना रास नहीं आ रही है। लालू के गरीब रथ को पटरियों से हटाने की तैयारी शुरू हो गई है।

खबर है कि इस ट्रेन को अब मेल एक्सप्रेस ट्रेन में बदला जा रहा है, जिसकी शुरुआत पूर्वोत्तर रेलवे से चलने वाली काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल गरीब रथ ट्रेन को मेल एक्सप्रेस में तब्दील करने से हो गई है।

फिलहाल देशभर में विभिन्न मार्गों पर 26 गरीब रथ ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जिनकी अधिकतम गति 140 किलोमीटर प्रति घंटा है।

इससे पहले, खबर आई थी कि रेलवे गरीब रथ ट्रेनों का परिचालन बंद कर उनकी जगह पर नई हमसफर एक्सप्रेस ट्रेनों को चलाने की योजना बना रहा है।

अगर गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में बदला जाएगा तो यात्रियों के एसी में सफर करने का किराया काफी बढ़ जाएगा।

फिलहाल आनंद विहार टर्मिनल रेलवे स्टेशन से पटना जंक्शन की गरीब रथ ट्रेन का किराया करीब 900 रुपये के आसपास है, जबकि एक मेल एक्सप्रेस ट्रेन के एसी 3 क्लास का किराया 1,300 रुपये के आसपास है।

इस तरह गरीब रथ के एसी 3 में सफर करने वाले यात्रियों को लगभग 400 रुपये अधिक भुगतान करना पड़ेगा, साथ ही एसी 3 क्लास की सीटें भी घट जाएंगी।

क्योंकि गरीब रथ की सारी बोगियां एसी 3 और चेयरकार होती हैं, जबकि मेल एक्सप्रेस ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल कोच होते हैं।

गरीबों के एसी में सफर के सपने को पूरा करने के लिए 5 अक्टूबर, 2006 को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत की थी। पहली ट्रेन सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस थी, जो बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच चलाई गई थी। इस ट्रेन में एसी 3 और चेयरकार होते हैं।

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