किसी को भनक लगे दिए बिना लिया गिरफ्तारी पर स्टे। बिहार के पूर्व डीजीपी की समधन हैं आजसू नेत्री हेमलता। बहू ने पटना के महिला थाना में प्रताड़ना का दर्ज करा रखा है केस
हेमलता पर उनकी बहू व पूर्व डीजीपी डीएन गौतम की पुत्री शैल मोहन ने हत्या का प्रयास, दहेज प्रताड़ना और जबरन गर्भपात व धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए बीते दस 10 सितम्बर को पटना के महिला थाना में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पुलिस ने इस मामले को आईपीसी की धारा 307, 498ए, 313 और 420 के तहत दर्ज किया है। पीड़िता ने इस प्राथमिकी में मुंबई के कोटक महिन्द्रा बैंक में उच्चाधिकारी अपने पति अपूर्व मोहन और ननद सहित 6 लोगों को आरोपित किया है।
हेमलता एस मोहन का पूरे झारखंड में काफी प्रभाव है। वह झारखंड महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं तथा वर्तमान में डीपीएस बोकारो की प्राचार्या सह निदेशिका के पद पर तो कार्यरत हैं ही जनवरी 2014 से अबतक ‘झारखंड स्टेट लीगल सर्विस आथिरिटी’ की गर्वनिंग बॉडी सदस्य भी हैं।
इस चुनाव में छठे स्थान पर रहने वाली हेमलता एस मोहन को मात्र 21 हजार 277 मतों पर ही संतोष करते हुए अपनी जमानत तक गवांनी पड़ी। हेमलता एस मोहन के पति श्याम मोहन भी बोकारो स्टील प्लांट में जीएम के पद पर कार्यरत हैं।
श्याम मोहन और हेमलता के पुत्र अपूर्व मोहन से राज्य के पूर्व डीजीपी डीएन गौतम की पुत्री शैल मोहन का विवाह उस वक्त हुआ था, जब डीएन गौतम बिहार के डीजीपी थे। वह 1 अगस्त 2008 से 31 जुलाई 2009 तक बिहार के डीजीपी रहे।
फरवरी 2012 में गौतम झारखंड के मुख्यमंत्री के सुरक्षा सलाहकार भी बने पर 13 माह कार्य करने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जिस वक्त यह शादी हुई थी उस वक्त शैल मोहन आईसीआईसीआई, प्रोडेंशिल बैंक में अधिकारी थीं और उन्हें अच्छा खासा वेतन मिलता था।
शैल की शिकायत के अनुसार पर शादी के कुछ माह बाद से ही शैल पर अत्याचारों का दौर शुरु हो गया। उसे मिलने वाला वेतन उसके सास और पति उससे छीन लेते और लगातार प्रताड़ित करते रहते।
पांच वर्षों तक शैल ने बैंक में नौकरी की उसके बाद ससुराल वालों के दवाब में उसने नौकरी छोड़ दी और हाऊस वाइफ बनकर रहने लगी पर उसपर अत्याचारों का दौर जारी रहा।
इससे इतर आरोपित हेमलता एस मोहन ने पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘तरुणमित्र’ से बातचीत में पुलिस पर ही आरोप लगाया कि पुलिस दबाव में एक पक्षीय कार्यवाई कर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश की अवहेलना कर रही है,जिसमें ऐसे मामलों में बिना जांच किसी किसी की गिरफ्तारी पर रोक है।
हेमलता एस मोहन ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर विश्वास है कि इस मामले में उन्हें और उनके पुत्र सहित अन्य आरोपितों को भी न्याय मिलेगा। हेमलता का दावा है कि उनके साथ चार अन्य लोगों की गिरफ्तारी पर भी पटना की अदालत ने रोक लगा दी है।
आखिर एक परिवार और दंपत्ति के बिखरने का जिम्मेवार कौन और ऐसी नौबत क्यों और कैसे आई इस पर हेमलता ने कहा कि मैं भी यह समझ नहीं पा रही कि अक्सर फोन पर मुझे ‘आई मिस यू मम्मी’ कहने वाली बहू ने आखिर ऐसा क्यों किया!
बहरहाल, यह हाईप्रोफाइल मामला पटना पुलिस के लिए एक चुनौती और द्वंद भरा मामला साबित हो रहा है क्योकि, यह मामला एक तरफ बिहार के पूर्व डीजीपी के मान सम्मान के साथ जुड़ा है तो दूसरी तरफ झारखंड में काफी प्रभावशाली महिला की मान सम्मान से जिनके संबंध क्रिकेटर और पूर्व भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू सहित कई राजनीतिक हस्तियों से है।
हेमलता एस माहन को वर्ष 2004 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद के हाथों ‘नेशनल टीचर्स अवार्ड’ भी मिल चुका है।
इधर सूचना मिली है कि पटना डीएसपी ने इस मामले की गहनता से पड़ताल करने के बाद हेमलता एस मोहन पर लगे आरोप को सही करार दिया है। इससे उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई है और वे कभी भी गिरफ्तार हो सकती हैं।