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    Sunday, November 24, 2024
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      अमेरिका के अश्वेत नागरिकों के बीच लोकप्रिय है बौद्ध धर्म :चार्ल्स रिचर्ड जान्सन

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राम विलास)। नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय नालंदा में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शनिवार को सम्पन्न हो गया।

      बौद्ध शिक्षा और वैश्विक दायित्व विषयक राष्ट्रीय सेमिनार के आखिरी दिन चार सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में  अमेरिका और जापान के  अलावे देश के कई विश्वविद्यालयों के नामचीन विद्वानों ने अपना आलेख प्रस्तुत किया।BUDHIST NATIONAL SEMINAR 2

      इस राष्ट्रीय सेमिनार में भगवान बुद्ध के धर्म, मत तथा उसके उत्क्रम विकास पर बहुत सारी बातें विद्वानों और शोधार्थियों के समक्ष प्रस्तुत की गई। यह उनकी उपलब्धि है।

      लेकिन इसमें एक बहुत बड़ी कमी यह रही कि नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य नागार्जुन के दर्शन पर एक भी पत्र प्रस्तुत नहीं किए गए।

      वक्ताओं ने कहा कि नागार्जुन पर पश्चिम के देशों में शोध हो रहा है। उनके आलोक में ऑन्टोलाजी, फेनोमेनोलाजी , एपिस्टेमालाजी  पर प्रभाव पड़ा है।

      प्रोफेसर अमिय भूषण शर्मा की अपेक्षा है कि आगे के सेमिनार में नालंदा के  आचार्य नागार्जुन, आचार्य शांति देव, आचार्य आर्य देव, असंग  जैसे विद्वानों पर शोध पत्र प्रस्तुत किया जाना चाहिए। आगरा विश्वविद्यालय के  प्रो एन.के. घोष की अध्यक्षता में सेमिनार का विशेष सत्र शुरू हुआ।

      संयुक्त राज्य अमेरिका के चर्चित लेखक चार्ल्स जॉनसन ने विशेष सत्र में कहा कि बौद्ध धर्म अमेरिका के अश्वेत नागरिकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। अमेरिकी लेखिका और संपादक सेरिन स्किटर ने विचार व्यक्त किया ।

      दूसरे सत्र की  अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो ए.बी. शर्मा ने की। प्रो रामभगवान सिंह ने अंग्रेजी साहित्य पर बौद्ध धर्म के प्रभाव की विवेचना की।BUDHIST NATIONAL SEMINAR 3

      उन्होंने एलियट, किमसिन्ग, हरमेन हंस जैसे लेखकों पर इसके प्रभाव की चर्चा की। जापान के बौद्ध भिक्षु  रवि मेडहनकर ने महायान बौद्ध भिक्षु का एक दिन (21 वीं सदी) विषय पर आलेख प्रस्तुत किया।

      इस अवसर पर डॉ संघमित्रा बौद्ध द्वारा पालि साहित्य में विपश्यना का स्वरूप , डॉ मोहन मिश्रा ने दैनिक जीवन में  बौद्ध व्यवहार , सुश्री प्रेरणा भारद्वाज बौद्ध कला: देवताओं के रूप में मानव रूप में गुण , आठवें  सत्र की  अध्यक्षता आगरा विश्वविद्यालय के  प्रो एन.के. घोष ने की, इस सत्र में प्रो वी.वी. साईबाबा ने महायान के लिए निस्वार्थिक नीतिशास्त्र का योगदान विषय पर अपना पेपर पढ़ा।BUDHIST NATIONAL SEMINAR 4

      इसी प्रकार प्रो जे के शर्मा ने  बौद्ध आचार: समकालीन चुनौतियां , डॉ नीरज कुमार ने बुद्ध के महिला उपचार ,डॉ वक़ुल मित्तल ने बौद्ध नैतिक मूल्य  एवं समकालीन सामाजिक चुनौतियाँ , डॉ राधा माधव भारद्वाज ने  अनुसूचित जाति भारतीय मीडिया और बौद्ध धर्म …, डॉ अमर नाथ प्रसाद ने आधुनिक शिक्षा और सार्वभौमिक उत्तरदायित्व , डॉ हरे कृष्ण  तिवारी ने कबीर साहित्य में बौद्ध शिक्षा, डॉ अंकुर बरुआ ने वैश्विक पर्यावरण की सुरक्षा में बौद्ध धर्म की भूमिका , आखिर में  समानांतर सत्र का आयोजन किया गया।

      इस सत्र की अध्यक्षता चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के  प्रो वी.के. सिंह ने किया। इस सेमिनार का संचालन शोधार्थी कुमार बिमलेन्दु  सिंह ने किया।

      सेमिनार में  दीपक कुमार, डॉ वीरेंद्र पांडेय, डॉ बी भट्टाचार्य, डॉ प्रेम शंकर श्रीवास्तव, डॉ अविनाश कुमार झा,  डा नागसट्टी के शेतकर, संजीव कुमार शर्मा,   डॉ हरे कृष्ण तिवारी, डा पंकज मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किया।

      नव नालंदा महाविहार डीम्ड विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक डा श्रीकान्त सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

      इस अवसर पर कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा दीपक कुमार बरुआ, महाविहार के रजिस्ट्रार डा एसपी सिन्हा, प्रो राजेश रंजन,  डा. रुबी कुमारी,  डा सीबी मिश्रा , डा शिव बहादुर सिंह, डा विश्वजीत कुमार, डा दीपाकर लामा, डा  अरुण यादव, डा आर एन प्रसाद, डा धम्मा ज्योति, डा ललन कुमार झा, डा श्रीकान्त सिंह, डा राणा पुरुषोत्तम सिंह डा उमा शंकर व्यास, भिक्षु प्रज्ञाशील एवं अन्य प्रमुख लोग मौजूद थे ।

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