” नालंदा जिले के हिलसा जेल में अब सोमवार को कैदियों से नहीं हो सकेगी मुलाकात, कैदियों से मुलाकाती के लिए तैयार किया गया सप्ताहभर का रोस्टर, अल्फाबेट के अनुसार मुलाकाती का तय किया गया दिन और समय, मुलाकात करने वालों को भीएमएस काउंटर पर देना होगा दस्तक, आवश्यक कागजात जमा करने के बाद ही मुलाकाती को मिलेगा पुर्जा”
हिलसा (चन्द्रकांत)। हिलसा जेल में अब सोमवार को कोई भी परिजन किसी भी कैदी से नहीं मिल पाएंगे। कैदियों से मिलने के लिए सप्ताह भर का रोस्टर तैयार किया गया है। अब नाम के अल्फाबेट के अनुसार ही तय दिन को नीयत समय पर ही कैदी से कोई मुलाकात कर सकते हैं। ये सारी व्यवस्था ई-प्रीजन व्यवस्था के तहत की गई है। सप्ताह के सात दिन में से सोमवार को मुलाकाती बंद कर दिया गया। शेष दिनों में मुलाकाती के लिए कैदी के नाम के अल्फाबेट के अनुसार दिन निर्धारित कर दिया गया।
मंगलवार को वैसे कैदियों से मुलाकात हो पाएगी जिनका नाम अल्फाबेट (अंग्रेजी वर्णमाला) के ए और बी से शुरु होता है। बुधवार को सी, डी, ई, एफ और जी के शुरुआती नाम वाले कैदियों से मुलाकाती होगी। गुरुवार को एच, आई, जे और के तथा शुक्रवार को एल, एम तथा एन नाम से शुरुआती वाले कैदियों से मुलाकात होगी।
इसी प्रकार शनिवार ओ, पी, क्यू एवं आर तथा रविवार को एस, टी, यू, भी, डब्लू, एक्स, वाई एवं जेड नाम से शुरुआती वाले कैदियों के लिए तय किया गया है। उक्त निर्धारित दिनों में मुलाकाती के लिए सुबह के आठ बजे से दिन के बारह बजे तक के लिए समय निर्धारित किया गया है।
भीएमएस काउंटर पर मुलाकाती को देना होगा दस्तक
किसी भी मुलाकाती को गेट में प्रवेश से पहले साथ लाए सामानों की जांच सुरक्षा प्रहरी से करवा लेना होगा। सुरक्षा प्रहरी की सहमति के बाद मुलाकाती भीएमएस (वीजिटर मैनेमेंट सिस्टम) काउंटर पर आएंगे।
काउंटर पर तैनात कर्मी के समक्ष आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। काउंटर कर्मी मुलाकाती की प्रक्रिया के तहत पुर्जा जारी करेगा तभी कैदी से मुलाकात हो पाएगा।
मुलाकाती को साथ लाना होगा आवश्यक दस्तावेज
जेल में किसी भी कैदी से मुलाकात करना अब आसान नहीं रह गया है। कैदी से मुलाकात करने वालों का पूरा लेखा-जोखा जेल प्रशासन के पास रहेगा। मुलाकाती के लिए तीन दस्तावेजों को जेल विभाग द्वारा मान्यता दी गई।
इन दस्तावेजों में आधार कार्ड, वोटर आई कार्ड तथा पैन कार्ड शामिल है। इन तीन दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज मुलाकाती को लाना होगा।
हिलसा जेल में बंद है क्षमता से अधिक कैदी
हिलसा जेल की क्षमता दो सौ दस कैदियों के रहने के लिए निर्धारित है। जिसमें दस महिला कैदी भी शामिल है। वर्तमान में तीन सौ सात कैदी बंद हैं। बंद कैदियों में पंद्रह महिला कैदी शामिल है।
अब सीधे परिवारवालों से बात कर सकेंगे कैदी
जेल में बंद कैदियों को सरकार द्वारा जल्द ही संचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके लिए बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है।
इसी के तहत हिलसा जेल में भी एक टेलीफोन बूथ बनवाया गया।
एक प्रक्रिया के तहत कैदी टेलीफोन बूथ के सहारे अपने परिजनों से सीधे बात कर सकेंगे।
कहते हैं अधिकारी….
सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर विभागीय नियम के तहत जेल में व्यवस्था की गई है।
मुलाकती के लिए रोस्टर का निर्धारण भी नियम के तहत है।
जानकारी के आभाव में रोस्टर से हटकर भी मुलाकाती आ रहे हैं।
जिन्हें भी मुलाकात करवाया जा रहा है, लेकिन धीरे-धीरे रोस्टर का अनुपालन अक्षरसह करवाया जाएगा।
कैदियों की सुविधा के लिए बनाया गया टेलीफोन बूथ सरकार के आदेश मिलते ही चालू कर दिया जाएगा। …………….अमरजीत सिंह, अधीक्षक, उपकारा हिलसा।