“बिहार के एक हिन्दी अखबार में शोक संदेश के नाम से निकला एक विज्ञापन पूरे बिहार में चर्चा का विषय बना है। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि अखबार वाले अपने ऐसे कुकृत्यों से समाज खासकर युवाओं के बीच कैसा संदेश देना चाह रहे हैं“
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। हमारे देश में आत्महत्या कायरता की निशानी मानी जाती है पर विकास उर्फ बंटी सिंह सरकार नामक जिस युवक ने पटना के बेऊर इलाके में मोबाइल फोन से अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते और उस बातचीत को लाईव करते हुए बीते 29 जनवरी को एक अवैध देशी पिस्टल से खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली थी।
उसी युवक को वैसे अखबार ने ही किंग मेकर बताते हुए उसके संबध में शोक संदेश और आज शाम 4 बजे बेऊर से अनीसाबाद तक के कैंडल मार्च के आयोजन से संबंधित विज्ञापन प्रकाशित किया है, जिस अखबार ने बीते 30 जनवरी को उसकी आत्महत्या से संबंधित खबर भी प्रकाशित की थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार बंटी सिंह सरकार ‘किंग आफ बाइकर्स’ गिरोह का सरगना था।
पुलिस ने उसकी मौत के बाद उसके बाइकर्स गिरोह के अन्य काफी सदस्यों के नाम हासिल कर रखे हैं, जिनकी तलाश पुलिस कर रही है।
बंटी सरकार ने अपने फेसबुक पेज के वॉल पर भी कई ऐसी बातें लिख रखी हैं, जो उसके स्वभाव और उसकी कार्यशैली को परिलक्षित करती है।
अपनी मौत के कुछ दिन पूर्व ही उसने अपने वॉल पर लिखा था कि ‘हथियार की जरुरत उनको होती है जिनको अपनी जान का डर होता है। हमारी जान तो खुद दूसरों के लिए आफत है।’ (खबर मंथन)