“तीन दिन तक चले योग शिविर में प्रत्येक दिन शिविरार्थियों की संख्या बढ़ती गई। इनमें काफी संख्या में ऐसे लोग भी थे जो तीन दिन बाबा के शिविर में शामिल हुए और उनसे योग की बारीकियां सीखीं।”
बिहारशरीफ (संजय कुमार)। पतंजलि योग समिति के तत्वावधान में तीन दिवसीय निःशुल्क योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर का समापन आज योग क्रिया के बाद हुआ। शिविर के अंतिम दिन लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
पौने पांच बजे योग शिविर का ऊँ उच्चारण व गायत्री मंत्र के साथ शुभारंभ किया गया बाबा के द्वारा। उसके बाद भजन गायक हरि जी के द्वारा गुरु महिमा तथा भजन “योगी बनो, निरोगी बनों तुझे जीवन मिला अनमोल तू भजन करले” भजन गाकर लोगों का मन पुलकित तथा हर्षित कर दिया।
तीन दिनों तक चले इस योग शिविर में बाबा नित्य की तरह आज भी योग प्राणायाम सिखाए। आज के इस अंतिम तीन दिवसीय निःशुल्क योग चिकित्सा एवं ध्यान शिविर में साढ़े चार बजते-बजते पूरा स्टेडियम खचाखच भर गया।
जिसमें बाबा रामदेव के द्वारा हसी-ठिठोली करते हुए प्रसन्नचित मुद्रा में ताड़ासन, भुजंगासन, अर्धचक्रासन, चक्रासन, तितली आसन, कपालभाती, भस्त्रिका, त्रिबंद, भ्रामरी तथा अनुलोम विलोंम, मंडूकासन, उत्तानपादासन, नौकासन, स्पर्शासन, सर्वांगासन, हलासन व कंधरासन सिंहासन, हास्यासन एवं तालीवादन आसन आदि आसनों का प्रशिक्षण दिया गया।
बाबा ने कहा कि आज के भाग दौड़ की जिंदगी के साथ-साथ खान-पान के कारण लोग तरह-तरह के बिमारिओं से घिरते जा रहे हैं। जिसका एक मात्र उपाय है योगासनों के द्वारा शरीर से पसीना निकालना, शारीरिक व्यायाम करना।
लोगों का कहना है कि अब वह योग को अपने जीवन में शामिल करेंगे और नियमित योगाभ्यास की आदत डालेंगे। बाबा ने लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया एवं यौगिक जॉगिंग के 12 अभ्यास तथा सूर्य नमस्कार के 12 आसन एवं भस्त्रिका, कपालभाति, बाह्य एवं उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास कराया।
योग से शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है। हम योग करके काफी हद तक बीमारियों से निजात पा सकते हैं। बाबा ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग का डंका बजा हुआ है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने बीच-बीच में योग कराते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि हमारी अनेक बीमारियों का केन्द्र हमारा पेट है। सारे रोग पेट से ही शुरू होते हैं। जो खाना हम खाते हैं, उससे रस बनता है। रस से शरीर में रक्त और मांस आदि का निर्माण होता है। परंतु यदि पाचन संस्थान के किसी भी अंग में विकार आ जाएं तो पेट से संबंधित सभी बीमारियां हो जाती हैं। शरीर को निरोगी रखने के लिए प्राचीनकाल से ही योग का उपयोग होता आया है।
योग एक वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है, जिसका उपयोग केवल निरोगी रहने के लिए ही नहीं, बल्कि रोगों के उपचार के लिए भी होता है। कुछ योगाभ्यास नियमित रूप से करने से पाचन संस्थान संबंधित रोगों का जड़ से निदान हो सकता है। योग शास्त्रों में गैस से संबंधित रोगों से मुक्ति के कई आसनों का वर्णन किया गया है।
इनमें वज्रासन, उत्तानपादासन, सर्वागासन, हलासन, मत्स्यासन, भुजंगासन, शलभासन, मयूरासन, भस्त्रिका प्राणायाम, सूर्यभेदी प्राणायाम, अग्निसार क्रिया, उदर शक्ति विकासक सूक्ष्म व्यायाम आदि प्रमुख हैं।
बाबा ने लोगों के बीच अपने उद्बोधन में कहा कि हमने सारे कार्य देश हित के लिए किया है, उन्होंने कहा कि व्यक्ति सुधर गया, संसार अपने आप सुधर जाएगा। बिहार से मेरा पुराना रिश्ता है, मैं चालीस वर्ष से नालंदा आने के लिए सोंच रहा था।
उन्होंने कहा कि सुबह उठकर अपने माता-पिता व बड़ों के चरण स्पर्श करें तो हमारी आयु, विद्या, यश व बल में वृद्धि होती है। इसलिए हमें बड़ों का सम्मान करना चाहिए।
मौके पर केंद्रीय प्रभारी राकेश कुमार, कार्यक्रम के आयोजक प्रदेश संरक्षक उदय शंकर प्रसाद, वरिष्ठ प्रांतीय प्रभारी अजीत कुमार, दक्षिण बिहार प्रभारी अरुणेश कुमार, मीडिया प्रभारी राकेश बिहारी शर्मा, जिला संरक्षक सुनील कुमार, प्रदेश महिला प्रभारी सुधा दीदी, भारत स्वाभिमान के जिला प्रभारी चुन्नी लाल, जिला सह प्रभारी विनय कुमार, इंजीनियर रविशंकर प्रसाद, पतंजलि योग समिति जिला अध्यक्ष रामजी प्रसाद यादव, कोषाध्यक्ष नरेश कुमार सिन्हा, संगठन सचिव सुजीत कुमार, रागिनी आर्या, संगीता कुमारी आर्या, योग निरीक्षक सावंत शेखर, योग प्रचारक श्याम पंडित समेत सैकड़ों पतंजलि कार्यकर्ता मौजूद थे।