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युवाओं को ‘अग्निपथ’ पर नहीं, ‘योगपथ’ पर चलने की जरूरत : बाबा रामदेव

हरिद्वार  (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। इस बार 8वें योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ 75 आईकॉनिक स्थानों, 500 जिलों और 5000 तहसीलों के साथ लाखों गांवों व कस्बों में योग करने जा रहा है। जिसमें लगभग 20 से 25 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इससे पहले पतंजलि योगपीठ में योग गुरु बाबा रामदेव ने योग दिवस की रिहर्सल की।

सोमवार को पतंजलि योगपीठ में योग दिवस की तैयारियों को लेकर रिहर्सल की गई। इसमें योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने हजारों अनुयायियों के साथ योगाभ्यास किया।

इस मौके पर स्वामी बाबा रामदेव ने बताया कि 21 जून को 8वें योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ 75 आईकॉनिक स्थानों पर योग करेगा। साथ ही 500 जिलों और 5000 तहसीलों के साथ गांवों के लोग भी योगाभ्यास करेंगे। 21 जून को योग करने वाले सभी लोग यह संदेश देंगे कि हम सब एक हैं।

बाबा रामदेव ने कहा कि योग कोई पूजा पाठ नहीं, बल्कि पूर्वजों की विद्या है। इससे हम रोगों को न केवल कंट्रोल कर सकते हैं, बल्कि रोगों को दूर भी भगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग यह भ्रांति चलाते हैं कि योग किसी एक धर्म जाति का है तो उन्हें यह जानना होगा कि योग दिवस का समर्थन पूरे विश्व के 177 देशों ने किया था। जिनमें कई मुस्लिम देश भी शामिल हैं।

उन्होंने योग को आरोग्य की आत्मनिर्भरता का सूत्र बताया।

उन्होंने कहा है कि देश के युवाओं को अग्निपथ पर नहीं बल्कि, योग पथ पर चलने की आवश्यकता है। किसी भी बात को मनवाने का हिंसा कोई रास्ता नहीं होता है। जो व्यक्ति योग पथ पर चला करता है, वो विरोध भी अहिंसक तरीके से करता है।

बाबा रामदेव ने आश्वस्त किया कि अगर अग्निपथ योजना में कोई सुधार करने की आवश्यकता है तो वो सरकार जरूर करेगी। हिंसा को अपनाकर राष्ट्र की संपत्ति को नष्ट करने से देश का नुकसान होता है। यह किसी भी युवा को नहीं करना चाहिए।

योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया कि यह पहली बार है, जब योगसंस फॉर स्पोर्ट्स फेडरेशन और वर्ल्ड योगासन के माध्यम से भारत में खेल के रूप में स्थापित कर दिया गया है। अब योग को ओलंपिक में भी लेकर जाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कुछ लोग इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़कर इसका समर्थन किया है।

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