अन्य
    Thursday, November 21, 2024
    अन्य

      खतरे में राजगीर का सौंदर्य, 100 एकड़ झाड़-जंगल भूमि पर सफेदपोशों-अफसरों का कब्जा

      “कई सफेदपोश चेहरों के साथ सरकारी अफसर-कर्मी भी इस गोरखधंधे में हैं शामिल, सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र, राजगीर के आसपास की जमीन पर भू-माफियाओं की नजर”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिले नालंदा अवस्थित अन्तर्राष्टीय पर्यटन स्थल राजगीर की मनोरम वादियों के एक बड़े हिस्से पर भू-माफियाओं ने अवैध ढंग से कब्जा कर लिया है। इन बड़े गोरखधंधे में कई विधायक, मंत्री, सांसद, अफसर और ऊंची रसुख वाले भी शामिल हैं।

      rajgir land crimeखबर है कि राजगीर और आसपास के इलाके में जमीन की बढ़ी बेतहाशा कीमतों को लेकर भू माफिया एक बार फिर सक्रिय हो उठे हैं। वे सरेआम केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल प्रशिक्षण केन्द्र के इर्द-गिर्द करीब 100 एकड़ सरकारी भूमि पर अवैध रूप से जहां-तहां पिलर बाउंड्रीवाल देकर कब्जा करने में जुटे हैं।

      जाहिर है कि इतना बड़ा गोरखधंधा बिना संबंधित विगागीय अफसरों के घालमेल से संभव नहीं है। नकली कागजात बनाकर और मोटी रकम लेकर भू-माफिया सरकारी जमीन की बिक्री भी कर रहे हैं।

      खबर के अनुसार बकौल नालंदा डीसीएलआर प्रभात कुमार, प्रशिक्षण केन्द्र के पास 100 एकड़ भूमि अतिक्रमणकारियों के कब्जे में है। इसे मुक्त कराने के लिए ठोस कदम उठाया जा रहा है।

      प्रशिक्षण केन्द्र के पास करीब 1 किलोमीटर एरिया में बाउंड्रीवाल कर लिया गया है। इसमें काफी भूमि वन विभाग की है। पहाड़ से सटे भूमि जंगल-झाड़ के रूप में भी है और यह वन विभाग के अधीन आता है। यह महादेवा, पिलखी और नेगपुर मौजा में आता है।

      rajgir land crime 1 1डीसीएलआर के अनुसार सभी भूमि की पूरी तरह से जांच-पड़ताल की जा रही है। जांच-पड़ताल के बाद ही कार्रवाई शुरू होगी, ताकि शिकायत का किसी को मौका न मिल सके।

      जमीन की जमा बंदी की जांच कर रद्द करने सहित नियमानुसार सही कार्रवाई होगी। इस संबंध में अंचलाधिकारी को जल्द से जल्द जमाबंदी रद्द करने के लिए कहा गया है।

      उधर, नालंदा डीएफओ डा. नेशामणि के अनुसार उन्होंने नालंदा डीएम से सरकारी आंकड़ों के अनुसार कितनी वन भूमि है और कितनी पर अतिम्रणकारियों के कब्जे में है, उसकी जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है।

      डीएफओ के अनुसार डीएम ने राजगीर सीओ से यह रिपोर्ट देने को कहा है। जैसे ही रिपोर्ट विभाग को प्राप्त होगी सरकार को भेजा जायेगा और जो भूमि है, उसे वन भूमि घोषित किया जायेगा। अतिक्रमण हटाकर भूमि विभाग को सौंपने की तैयारी की जा रही है। वन भूमि पर किसी प्रकार का अतिक्रमण गैर कानूनी है।

      वन विभाग के नियमों के अनुसार भूमि का अधिग्रहण और किसी प्रकार कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। राजगीर की जमीन पर भू माफियाओं की नजर है।

      सवाल उठता है कि राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि के बड़े अतिक्रमणकारियों के खिलाफ न्यायालय के आदेश की आड़ में सलामी ठोकने वाले पुलिस-प्रशासन महकमे से यहां क्या उम्मीद की जाये। यहां हर जांच-कार्रवाई के नाम पर गरीबों को रौंद कर महज खानापूर्ति की रस्म अदायगी कर ली जाती है। जबकि किस कथित न्यायालय का कौन सा आदेश-निर्देश-विनिर्देश के नाम पर सब खेला हो रहा है, इस संबंध में  उपर से नीचे के कोई भी अधिकारी अपने मुंह की लौंग नहीं निकाल पाते हैं।

      बहरहाल, यह एक जांच का विषय है कि सफेदपोश नेताओं, अफसरों, भू-माफियाओं ने राजगीर के सौंदर्य जंगल-झाड़, आम, खास, केशरी हिन्द आदि की जमीनें भारी पैमाने पर कैसे कब्जा कर रहे हैं और सारा विभागीय महकमा पंगु क्यों बना है?

      संबंधित खबर

      error: Content is protected !!