
बिहारशरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। नालंदा जिले के चंडी थाना क्षेत्र में स्थित नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज में एक दुखद घटना ने पूरे परिसर को हिलाकर रख दिया। एक छात्रा की छत से गिरकर मृत्यु और कॉलेज प्रशासन की कथित लापरवाही ने छात्रों के बीच गुस्से की आग भड़का दी। इस घटना ने न केवल कॉलेज प्रबंधन की असंवेदनशीलता को उजागर किया, बल्कि पुलिस और छात्रों के बीच तनावपूर्ण टकराव को भी जन्म दिया। देर रात तक चले हंगामे ने क्षेत्र को रणक्षेत्र में बदल दिया।
जानकारी के अनुसार कॉलेज की छात्रा सोनम कुमारी छत पर बैठी हुई थी, जब अज्ञात कारणों से वह नीचे गिर गई। इस हादसे में उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस घटना ने कॉलेज परिसर में हड़कंप मचा दिया। सोनम की सहपाठी शिखा कुमारी ने यह दृश्य देखकर गहरा सदमा सहा, जिसके चलते उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसे तुरंत हायर सेंटर रेफर किया गया।
कुछ छात्रों का दावा है कि सोनम हाल ही में परीक्षा में कम अंक प्राप्त करने के कारण तनाव में थी। हालांकि इस दावे की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच, छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि अगर समय रहते घायल छात्रा को अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध कराया जाता, तो शायद उसकी जान बच सकती थी।

छात्रों का आरोप है कि घटना के बाद उन्होंने कॉलेज के प्रिंसिपल गोपालनंदन से घायल छात्रा को अस्पताल ले जाने के लिए वाहन की मांग की थी। लेकिन प्रिंसिपल ने कथित तौर पर यह कहकर मना कर दिया कि “गाड़ी गंदी हो जाएगी।” इस अमानवीय टिप्पणी ने छात्रों के गुस्से को और भड़का दिया। उनका कहना है कि प्रिंसिपल की इस असंवेदनशीलता और लापरवाही के कारण एक कीमती जान चली गई।
सोनम की मृत्यु की खबर फैलते ही सैकड़ों छात्र-छात्राएं चंडी के रेफरल अस्पताल पहुंच गए और रात भर उग्र प्रदर्शन किया। गुस्साए छात्रों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान उन्होंने डीएसपी (विधि व्यवस्था) की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और एक स्कूटी को आग के हवाले कर दिया। स्थिति इतनी बेकाबू हो गई कि स्वास्थ्य केंद्र रणक्षेत्र में तब्दील हो गया।
जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, नालंदा पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को नियंत्रित करने की कोशिश की। लेकिन जब स्थिति संभलने का नाम नहीं ले रही थी, पुलिस ने कथित तौर पर बल प्रयोग किया। छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इस दौरान मीडियाकर्मियों को भी घटना का वीडियो बनाने से रोका गया, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
छात्र-छात्राओं की एकमात्र मांग है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार प्रिंसिपल गोपालनंदन के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि प्रबंधन की लापरवाही और असंवेदनशील रवैये ने एक मासूम छात्रा की जान ले ली। इसके साथ ही छात्रों ने कॉलेज में आपातकालीन स्थिति के लिए बेहतर सुविधाएं और प्रबंधन सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

घटना की सूचना मिलते ही नालंदा जिला पुलिस का पूरा महकमा रेफरल अस्पताल पहुंच गया। पुलिस ने उग्र छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास रात भर बेनतीजा रहा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा।
इस दुखद घटना ने पूरे चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। छात्रों का गुस्सा और प्रशासन की लापरवाही ने इस मामले को और गंभीर बना दिया है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि क्या शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और आपातकालीन प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था है? यह घटना न केवल कॉलेज प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारे शैक्षणिक संस्थान ऐसी आपात स्थितियों के लिए तैयार हैं।
प्रशासन और पुलिस से अपेक्षा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। सोनम कुमारी की मृत्यु ने नालंदा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रबंधन की खामियों को उजागर किया है। यह घटना एक चेतावनी है कि शैक्षणिक संस्थानों को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियां टाली जा सकें।