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समस्तीपुर सदर अस्पतालः यहां इमरजेंसी वार्ड में झाड़फूंक से तांत्रिक करता है ईलाज

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के समस्तीपुर जिला सदर अस्पताल में एक ऐसी घटना घटी है, जो आधुनिक चिकित्सा और प्राचीन अंधविश्वास के बीच की खाई को साफतौर पर उजागर कर रही है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक तथाकथित ‘भगत’ ने मरीज की झाड़फूंक शुरू कर दी, जबकि आसपास के बेड पर भर्ती मरीज आश्चर्यचकित नजरों से इस ‘तमाशे’ को देखते रहे।

करीब आधे घंटे तक चले इस ड्रामे के दौरान न तो डॉक्टरों ने हस्तक्षेप किया और न ही अस्पताल प्रशासन ने कोई कार्रवाई की। सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके इस वीडियो ने अब पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सरकारी अस्पताल अब तंत्र-मंत्र का अड्डा बन गया है?

Samastipur Sadar Hospital Here a tantric performs exorcism rituals to treat patients in the emergency ward 1
Samastipur Sadar Hospital: Here, a tantric performs exorcism rituals to treat patients in the emergency ward.

कल्याणपुर थाना क्षेत्र के चकदौलत गांव के रामप्रीत पंडित ने अपनी पत्नी फूलो देवी को पेट में तेज दर्द की शिकायत पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया। 45 वर्षीय फूलो देवी एक साधारण किसान परिवार की गृहिणी हैं और लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं।

परिजनों के मुताबिक गांव में उन्हें ‘भूत-प्रेत’ का साया बताया जा रहा था। लेकिन डॉक्टरों ने इसे सामान्य पेट संबंधी समस्या मानकर इलाज शुरू किया। इमरजेंसी वार्ड में भर्ती होने के बाद एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाओं का दौर चला, लेकिन मरीज की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।

इसके बाद डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें फूलो देवी के पेट में असामान्य पानी जमा होने (एसाइट्स) की पुष्टि हुई। यह एक गंभीर स्थिति थी, जो लीवर या किडनी संबंधी समस्या का संकेत दे रही थी। डॉक्टरों ने तत्काल विशेषज्ञ सलाह और आगे के टेस्ट की सिफारिश की। लेकिन परिजनों का धैर्य जवाब दे गया।

यहीं से कहानी में ट्विस्ट आया। फूलो देवी के भाई आलोक कुमार राय केशोपट्टी गांव के रहने वाला है। उसने इलाके में अपनी ‘शोहरत’ के बल पर एक स्थानीय तांत्रिक को बुला लिया। आलोक खुद एक छोटे से चाय की दुकान चलाता हैं, लेकिन आसपास के गांवों में वे ‘भगत’ की भूमिका निभाता हैं।

बताया जाता है कि आलोक ने फूलो देवी के ‘भूत बाधा’ का दावा करते हुए तांत्रिक को अस्पताल बुलाया। पीले वस्त्रों से सजा गले में रुद्राक्ष की माला लटकाए और हाथ में मयूर पंख लिए तांत्रिक अस्पताल पहुंचा। बिना किसी रुकावट के वह सीधे इमरजेंसी वार्ड में घुस गया। वहां फूलो देवी के बेड के पास बैठकर उसने मंत्रोच्चार शुरू कर दिया। होंठों से बुदबुदाती आवाजें, मयूर पंख से शरीर पर सहलाना और कभी-कभी चिल्लाकर ‘भूत’ को भगाने का नाटक करीब 30 मिनट तक चला। आसपास के मरीज पहले से ही दर्द से जूझ रहे थे, इस दृश्य को देखकर स्तब्ध रह गए।

जाहिर है कि यह घटना अकेली नहीं है। बिहार के ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास की जड़ें गहरी हैं, जहां आधुनिक चिकित्सा के बावजूद लोग तांत्रिकों और झाड़फूंक करने वालों पर भरोसा करते हैं। समस्तीपुर जैसे जिलों में सुपरस्टिशन से जुड़ी घटनाएं आम हैं। कभी ‘टोना-टोटका’ से मौतें तो कभी अस्पतालों में ही ऐसे ‘उपचार’। लेकिन सरकारी अस्पताल में खुलेआम ऐसी कार्रवाई का मामला दुर्लभ है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि नर्सें और अन्य स्टाफ बिना कोई शिकायत दर्ज किए दूर से ही तमाशा देखते रहे ।

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. गिरीश कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज से बातचीत में पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि मुझे इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। सोशल मीडिया से ही यह वीडियो देखा। अस्पताल में सख्ती बरती जाती है, लेकिन परिजनों द्वारा बुलाए गए व्यक्ति को रोकना मुश्किल होता है। हम इसकी जांच कराएंगे और दोषियों पर कार्रवाई करेंगे।

डॉ. कुमार ने यह भी जोड़ा कि फूलो देवी की हालत स्थिर है और उन्हें जल्द ही पटना मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा सकता है। हालांकि उनके बयान पर सवाल उठ रहे हैं कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और स्टाफ की मौजूदगी में ऐसी घटना छिपी नहीं रह सकती।

यह घटना न केवल समस्तीपुर बल्कि पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। ताकि लोग अंधविश्वास के चक्रव्यूह से बाहर निकल सकें। जिला प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन स्थानीय एसडीएम ने कहा कि वे मामले की प्रारंभिक जांच करा रहे हैं। फूलो देवी के परिजन अभी चुप हैं, लेकिन आलोक कुमार राय ने फोन पर कहा कि भगत ने भरोसा दिया है कि सब ठीक हो जाएगा। डॉक्टरों का इलाज तो विफल हो गया।

(रिपोर्ट: एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। सभी तथ्य स्थानीय स्रोतों और सोशल मीडिया वीडियो पर आधारित।)

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