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नटराजन सेक्स स्कैंडल की पीड़िता को सड़क पर मारी गोली, जानें सुषमा बड़ाइक की अनटोल्ड स्टोरी

राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। झारखंड की राजधानी रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र के सहजानंद चौक के पास एक बाइक सवार 3 बदमाशों ने चर्चित पुलिस आईजी नटराजन सेक्स स्कैंडल की पीड़िता सुषमा बड़ाइक को अपराधियों ने गोली मार दी। बड़ाइक को 3 गोली मारी गई है।

Natarajan sex scandal victim shot dead on the road know the untold story of Sushma Badaik 2खबरों के अनुसार सुषमा बड़ाइक बाइक से हरमू चौक की तरफ जा रही थी। गोली चलने के बाद आसपास भगदड़ मच गई। आनन फानन में पीड़ित महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। सुषमा को तीन गोली लगी है।

घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे अरगोड़ा थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि शुरुआती जानकारी के अनुसार सुबह करीब 9:30 बजे के आसपास बाइक पर सवार तीन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया। घटना को अंजाम देने के बाद सभी अपराधी फरार हो गए।

जानिए सुषमा बड़ाइक का पूरा मामलाः सुषमा बड़ाइक 2005 में हुए बहुचर्चित हाई प्रोफ़ाइल रेप कांड की पीड़िता हैं। जिन्होंने उस वक्त के तत्कालीन इंस्पेक्टर जनरल PS नटराजन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस घटना के बाद राज्य में तूफान आ गया था। इस पूरे मामले में मीडिया की अहम भूमिका रही।

एक निजी चैनल के स्टिंग में हुए खुलासे को “साक्ष्य” के तौर पर कोर्ट ने भी स्वीकार किया था। सुषमा और नटराजन के बीच हुए अनैतिक कार्यों के उन फुटेज और रिकॉर्डिंग्स का कोर्ट ने भी इस्तेमाल किया था।

इस हाई प्रोफ़ाइल स्टिंग के लिए सुषमा ने ही वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। मालूम हो की पीएस नटराजन आदिवासी समुदाय से आनेवाली महिला सुषमा के साथ कई वर्षों से शारीरिक शोषण कर रहे थे। रोज रोज के इस नरक से तंग आकर सुषमा ने मीडिया का सहारा लिया और एक दिन कैमरे के सामने नटराजन की करतूतों का पर्दाफाश कर दिया।

इस स्टिंग के बाद जहां राजनीतिक हलचल तेज हुई थी। वहीं पूरा पुलिस मकहमा भी कटघरे में खड़ा हो गया था। इस आदिवासी महिला सुषमा ने एक नहीं लगभग 50 से अधिक पुलिस वालों और लोगों पर अपने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस दौरान सुषमा एक पुत्री की माँ भी बनी थी।

कौन है आईपीएस नटराजन, जिसपर लगा दुष्कर्म  का आरोपः बहुचर्चित मामला जिसमें आइपीएस पीएस नटराजन पर यौन शोषण केस कर सुषमा बड़ाइक चर्चा में आयी थी। वो झारखंड पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर जनरल के पद पर आसीन एक पुलिस अधिकारी थे। आइपीएस पीएस नटराजन का स्टिंग ऑपरेशन करने के बाद पीड़िता ने यौन शोषण का केस दर्ज कराया था।

प्रकरण सामने आने के बाद आइपीएस नटराजन को वर्ष 2012 में नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। उनके खिलाफ यह कार्रवाई वर्ष 2005 में सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन के सामने आने के बाद की गई थी।

2 अगस्त 2005 को उनके खिलाफ लोअर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मुकदमा 12 साल तक चला था। इसके बाद कोर्ट ने वर्ष 2017 में नटराजन को रिहा कर दिया था। इस रिहाई के बाद पीड़िता ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अपील याचिका दायर की थी।

इसके अलावा सुषमा ने 50 से ज्यादा लोगों पर दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास और यौन शोषण का आरोप लगाकर केस की है। अगस्त 2005 में यह मामला उजागर हुआ था। यौन शोषण का वीडियो रिकार्डिंग भी जारी हुई थी।

लगातार 12 साल चले सुनवाई में 71 गवाह कोर्ट में पेश किये गये। आईजी नटराजन पर एससी-एसटी एक्ट के तहत 2005 में मामला दर्ज किया गया था। आईपीएस पीएस नटराजन को झारखंड सरकार ने लंबे समय तक निलंबित रखा।

बता दें सुषमा का यौन शोषण तब किया जब वह एक अन्य आईपीएस अधिकारी परवेज हयात पर यौन शोषण करने का आरोप लेकर न्याय के लिए पीएस नटराजन के पास पहुंची थी। उस वक्त नटराजन आईजी थे।

सुषमा ने नटराजन पर आरोप लगाया कि सुषमा को न्याय दिलाने की जगह IG ने उसका यौन शोषण किया। टीवी चैनलों के स्टिंग में इसका खुलासा हुआ। हयात के खिलाफ भी जांच हुई।

जांच के दौरान अनुसंधानकर्ता नेयाज अहमद ने इनके खिलाफ आरोप को गलत पाते हुए इन्हें बरी कर दिया। फिलहाल हयात केंद्रीय प्रतिनियुक्ति दिल्ली में अहम विभाग में पदस्थापित हैं।

हयात से पूर्व सुषमा के साथ 7 जून 2002 को गैंगरेप करने का मामला पलामू में दर्ज हुआ था। इसी मामले में न्याय को ले वह हयात के पास पहुंची थी।

जानिए सुषमा की इनसाइड अनटोल्ड स्टोरीः जैसा कि सुषमा ने अपनी कहानी बताई है। सुषमा अपने पिता के साथ लातेहार के मनिका में रहती थी। वहां उसकी सहेली का प्रेमी बसंत यादव भी रहता था। उस वक्त सुषमा की उम्र करीब 13 वर्ष हो रही होगी। अपनी सहेली और उसके प्रेमी बसंत के बीच चिट्ठी-पत्री का आदान-प्रदान सुषमा के द्वारा ही होता था।

एक बार इसी चिठ्ठी आदान प्रदान के क्रम में सन 1998 में बसंत यादव ने सुषमा का अपहरण कर लिया और दो दिन तक पलामू में रखा। फिर छोड़ दिया। इसके बाद मनिका में प्राथमिकी दर्ज हुई और वह पकड़ा गया।

मामला बढ़ा तो गाववालों की मदद से तत्कालीन एसपी की उपस्थिति में बसंत यादव से पांच अप्रैल 1998 को मेरी शादी हो गई। इस अनचाही शादी के बाद से ही बसंत सुषमा पर  घरेलू अत्याचार करने लगा। दहेज को लेकर मारपीट की जाती रही।

इसी बीच सुषमा को एक बेटा हुआ। सुषमा ने बताया की पति बसंत ने उसे घर से बेघर कर दिया और बेटे को छीन लिया। सुषमा ने अपनी शिकायत लेकर वर्ष 2000 के करीब पलामू के तत्कालीन डीआइजी परवेज हयात के पास गई।

परवेज हयात से न्याय  तो नहीं मिला, लेकिन परवेज ने नये दिलाने के नाम पर सुषमा के साथ शारीरिक सोशन किया। पुलिस से कोई मदद न मिलते देख निराश पीडिता को इसी बीच पलामू से कुछ लड़कों ने फोन कर बताया कि वे उसका बेटा वापस दिला देंगे।

इसी संदर्भ मे सुषमा जब पलामू पहुंची तो लड़कों ने उसे  दो दिनों तक घर में कैद कर दु‌र्व्यवहार किया। लड़कों की संख्या 10-12 थी। उन लड़कों में लड्डू खान, अली खान, सदाब खान, कल्लू खान व गालिब आदि शामिल थे। इसकी शिकायत पलामू सदर थाने में दर्ज करवाई गई। इसके बाद बसंत यादव से तलाक लेकर सुषमा ने आगे यात्रा की।

सुषमा के पिता का रांची स्थानातरण हो गया। उसके बाद सुषमा भी रांची आ गई। रांची में रातू रोड मे रहने के दौरान सुषमा की दोस्ती राजेश कुजूर से हो गई। राजेश भी मनिका का रहने वाला था। दोस्ती प्यार में बदली और सुषमा ने राजेश से शादी कर ली।

शादी के बाद भी सुषमा पुरानी घटनाओं में न्याय को लेकर अपने दूसरे पति राजेश के साथ तत्कालीन डीजीपी शिवाजी महान कैरे के पास गई थी। तत्कालीन डीजीपी ने जांच का जिम्मा रांची के तत्कालीन आईजी पीएस नटराजन को सौंप दिया था। और यहीं से सुषमा फँसती चली गई।

आईजी नटराजन को डीआईजी परवेज हयात, पलामू में सामूहिक दुष्कर्म व बसंत यादव मामले की जांच का जिम्मा मिला था। सुषमा ने अपने दूसरे पति पर आरोप लगाया था की राजेश की मिलीभगत से ही पहली बार नटराजन ने मेरे ही घर में मेरे साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए।

इसके बाद शुरू हो गया आईपीएस नटराजन का सुषमा के साथ यौन सोशन का सिलसिला। बकौल सुषमा वर्ष 2005 में उसने मीडिया की मदद से नटराजन सेक्स स्कैंडल का खुलासा किया और तब यह मामला उजागर हुआ।

इस मामले में पति राजेश जेल चला गया। नटराजन पर कार्रवाई हुई। इसके बाद सुषमा ने बताया था की  केस उठाने को लेकर उसे लगातार धमकी दी जा रही थी। अपने ऊपर कई बार हमले का जिक्र करते हुए सुषमा ने आशंका जताई थी की कभी भी मेरी हत्या हो सकती है। एक बार पुलिस द्वारा एनकाउंटर का भी प्रयास भी किया गया।

अंतर्राष्टीय स्तर पर उठा था मामलाः सिर्फ झारखंड ही नही अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा था नटराजन का मामला, आईपीएस नटराजन के कारण भारत की एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर खूब किरकिरी हुई थी।

दरअसल हुआ यूं कि पाकिस्तान में मुक्तारन माई पर हुए जुल्म को लेकर कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई। कहा कि वहां महिलाओं पर घोर अत्याचार हो रहा है, मानवाधिकार की भी बात उठी।

तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ थे, जो उस मंच पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने तत्काल उठकर कहा कि आप लोग पाकिस्तान की बात तो उठा रहे हैं लेकिन पड़ोसी मुल्क भारत में तो औरतों बिल्कुल महफूज नहीं।

नटराजन का कुकृत्य उजागर करते हुए उन्होंने कहा, भारत में तो कानून के रखवाले ही औरतों पर जुल्म कर रहे हैं। टीवी चैनलों पर उन दिनों नटराजन का कुकृत्य चर्चा का केंद्र था। इसके तत्काल बाद नटराजन बर्खास्त कर दिए गए थे।

बता दें इस हाइप्रोफाइल मामले की शुरुआत उस वक्त हुई जब पलामू के तत्कालीन डीआईजी परवेज हयात पर सुषमा बड़ाईक ने यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच का जिम्मा रांची के तत्कालीन आईजी पीएस नटराजन को सौंपा गया था।

सुषमा बड़ाईक ने आइजी पीएस नटराजन ने कहा जांच के दौरान नटराजन ने यौन शोषण किया। सुषमा ने बताया कि पहली बार नटराजन उनसे मिलने कांके स्थित उसके पिता के घर पहुंचे। इसके बाद वो अपने पति राजेश कुजूर के साथ चांदनी चौक स्थित रायजी के मकान में रहने लगी।

सुषमा के मुताबिक उस घर में भी नटराजन ने कई बार उसके साथ बलात्कार किया। सुषमा ने साथ ही कहा कि आखिर में वो कलिंगा अपार्टमेंट में मधुप्रिया के फ्लैट में शिफ्ट हुई।

वहां भी उसके साथ मधुप्रिया की मदद से नटराजन बलात्कार करता था। तंग आकर उसने मीडिया से संपर्क किया और उसी फ्लैट में यौण शोषन का वीडियो बनाया। वीडियो मीडिया में लीक होते ही काफी हंगामा हुआ और मामले पर एफआईआर भी दर्ज किया गया

नीतीश के दरबार में भी लगाई थी मदद की गुहारः अपने लिए न्याय की तलाश में  भटकती सुषमा ने बिहार के नीतीश कुमार के जनता दरबार में जा कर भी मदद की गुहार लगाई थी।

सुषमा ने मुख्यमंत्री से मिलकर कहा था कि उसे एक साजिश के तहत झारखण्ड में फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उसे नक्सली संगठन का मुखिया कहकर फंसाने की साजिश रची जा रही है। मुख्यमंत्री के सामने उसने रोते हुए अपनी हत्या की भी आशंका जताई और इंसाफ की मांग की।

सुषमा की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने बिहार के गृह सचिव को पूरे मामले की जानकारी लेने का निर्देश दिया था। आज सुषमा पर तीन बदमाशों ने बीच सड़क पर गोलीयां चलाई है और फिलहाल वह अस्पताल में जीवन-मौत से जुझ रही है।

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