बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। बिहारशरीफ जिला न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र द्वारा दो दशक या इससे भी पुराने मामलों का स्पीडी ट्रायल चलाकर निष्पादित करने का फायदा मामूली मामलों में भी वर्षों से कोर्ट का चक्कर लगा रहे लोगों को मिलने लगा है।
ऐसे ही एक मामले में बैल चोरी जैसे मामूली मामले में लगभग 22 वर्षों से कोर्ट का चक्कर लगा रहे एक आरोपी दोषमुक्त हुआ है। वह भी तब जब इस केस के पांच गवाहों में से एक होस्टाइल हो चुका था।
पुलिस ने सादा कागज पर कराया दस्तखतः दो गवाहों ने आरोपी को बैल खोलते नही देखने, एक गवाह का बयान में विरोधाभास और एक ने पुलिस द्वारा सादा कागज पर दस्तखत कराने की बात कही थी। घटना के समय कोई स्वतंत्र साक्षी नही था।
साक्ष्य परीक्षण के दौरान मोटे तौर पर सभी गवाहों के बयान में विरोधाभास मिला। बावजूद इसके आरोपी को 22 वर्षों तक कोर्ट का चक्कर लगाना पड़ा। यदि इसमें केस के सभी गवाहों के बयान में कोई विरोधाभास नही मिलता और सजा भी सुना भी दी जाती तो यह अधिकतम 3 साल ही होती।
जज श्री मिश्र ने अपने आदेश में लगाए गए आरोप में संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है।
दो बार खा चुका है जेल की हवाः विजय यादव इस मामले में दो बार जेल की हवा खा चुका है। पहली बार घटना के अगले ही दिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जबकि दूसरी बार उसे जमानत रद्द होने के कारण बीते वर्ष दिसंबर माह में जेल जाना पड़ा। अभी उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। आज वह जेल से रिहा होगा।
यदि स्पीडी ट्रायल नही होता तो शायद मामूली और संदेहास्पद आरोप में भी कोर्ट का चक्कर लगाते लगाते उसकी पूरी उम्र गुजर जाती।
क्या है मामलाः वर्ष 2000 में सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव से राजवल्लभ पासवान की बैल चोरी हुई थी। उसने थाने में विजय यादव और रिपु पासवान को आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराया था।
अभियोजन के अनुसार सूचक और उसके भाई ने बैल की खुर का पीछा भी किया था। रहुई की ओर 200 गज तक खुर के निशान मिले थे। सुबह में दोनों भाइयों ने रहुई बाजार की ओर से से दो लोगों को बैल लेकर आते देखा। दूर से ही बैल की पहचान हो गई थी।
बाद में पुलिस ने कुछ लोगों को खेत मे काम करते पकड़ा। इसी दौरान पूछताछ में एक ने अपना नाम विजय यादव और दूसरे ने रिपु पासवान बताया। दोनों ने बैल चोरी की बात स्वीकार भी कर ली। हालांकि बाद में पुलिस ने दूसरे अभियुक्त रिपु पासवान के खिलाफ चार्जशीट ही नही सौंपा।