“स्वच्छ भारत कार्यक्रम के तहत करायपरसुराय प्रखंड के डियावा पंचायत को सरकारी फाइल में भले ही खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया हो। लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और कहानी बयां कर रही है।”
करायपरसुराय, नालंदा (पवन कुमार)। नालंदा जिले के करायपरसुराय प्रखंड के डियावा पंचायत को ओडीएफ घोषित किये हुए करीब दो माह बीत गए। परंतु ओडीएफ पंचायत में आज भी लोग खुले में शौच जाने पर मजबूर हैं।
वजह है स्थानीय पदाधिकारी के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा कागज पर पंचायत को ओडीएफ तो कर दिया गया।
परंतु आज भी पंचायत के कई गांवों में शौचालय निर्माण अधूरा है।
उदाहरण के तौर पर पंचायत के चौरासी, चौकी हुडरी, चन्दकुरा,सिरहन्टा गांव में करीब 30 से 35 शौचालय निर्माण स्वच्छता विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं।
परंतु हाल यह है कि शौचालय का स्ट्रक्चर तो खड़ा कर दिया गया। परंतु आज तक उन शौचालय में ना तो पैन बिठाया गया और ना ही सेफ्टी टैंक की का निर्माण हो पाया है।
वैसे में इन गांव के अधिकतर लोग खुले में शौच जाने पर मजबूर हैं। चौरासी गांव अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र है।
ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय का निर्माण पदाधिकारी का नजदीकी ठीकेदार द्वारा किया जा रहा है। परंतु काम में इतनी शिथिलता बढ़ती जा रही है की 2 माह में भी शौचालय का निर्माण पूर्ण नहीं हो पाया है।
इतना ही नहीं पंचायत के अन्य गांवों में भी शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा है। वैसे में पंचायत को ओडीएफ घोषित किए जाने पर प्रश्न चिह्न लग रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि खुद से शौचालय निर्माण किए जाने पर राशि का भुगतान भी नहीं किया जाता है। कई ग्रामीण खुद से सेफ्टी टैंक की खुदाई किया। परंतु उसकी मजदूरी भुगतान के लिए ठिकेदार को नजायज राशि के तौर पर हजार रुपया देने के बाद भुगतान किया गया।
गामीणो ने बताया कि ठिकेदार द्वारा एकही शौचालय पर दो दो क़िस्त शौचालय की राशि निकली गई है। जबकि कहा गया था इस सेफ्टी टैंक की खुदाई करने पर ग्रामीणों को निर्धारित राशि का भुगतान करने के लिए बिचौलियों से दूर रहे, लेकिन स्थानीय पदाधिकारी ने बिचौलियों के पर राशि भुगतान में नजायज राशि देने पड़ा।
चलितर पासवान,चन्दन कुमार, अनिल प्रसाद ने बताया ठिकेदार द्वारा घटिया सामग्री से शौचालय का निर्णम किया गया जो मिलक्क़ी हुडारी व इस्लामपुर हूडारी गांव में 4 से 5 शौचालय ध्वस्त हो गया है।
इन लोगो ने बताया कि शौचालय ध्वस्त पंचायत के अधिकांश गांव में है। जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से लेकर बिहार सरकार तक इस योजना को सफल बनाने के लिए इतना कठिनाई करना पड़ा, नही तो इस रवैया के कारण हम लोग शौचालय का निर्माण नही करते।
कहते हैं बीडीओ……………
बीडीओ प्रेम राज ने बताया कि डियावा पंचायत के कुछ गांव शौचालय का निर्माण अधूरा है। शौचालय निर्माण में अवैध बसूली करने बाले बिचौलियों चिन्हित कर कानूनी करवाई की जाएगी। लाभुक के द्वारा खुद देख रेख में शौचालय का निर्माण किया गया है। जो काफी तेजी गति से शौचालय का निर्माण किया जा रहा है। जबकि कार्य में कोताही बरतने वाले लोगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है।