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रांची में भूमि घोटाला जारी: जिला उपायुक्त से आज की गई सातवीं बार शिकायत!

रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। रांची जिले के कांके अंचल कार्यालय में एक सनसनीखेज भूमि घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी दस्तावेजों के जरिए वैध स्वामित्व वाली भूमि पर अनधिकृत दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) कराया गया है। इस मामले में रांची उपायुक्त को पिछले दो महीनों में सातवीं बार शिकायत दर्ज की गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह शिकायत ई-मेल के माध्यम से उपायुक्त को भेजी गई है, जिसमें तत्काल जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के प्रधान संपादक और ओरमांझी, रांची निवासी मुकेश कुमार उर्फ मुकेश भारतीय ने उपायुक्त को संबोधित अपने आवेदन में इस घोटाले का खुलासा किया है।

उन्होंने बताया कि यह मामला कांके अंचल कार्यालय और भूमि उपसमाहर्ता (डीसीएलआर) कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों के निर्माण से जुड़ा है। शिकायत में झारखंड भूमि राजस्व संहिता के उल्लंघन का गंभीर आरोप लगाया गया है।

शिकायतकर्ता के अनुसार वर्ष 2010 में उनकी पत्नी आशा कुमारी, सियाशरण प्रसाद और बालेश्वर प्रसाद ने कांके थाना क्षेत्र के नेवरी मौजा में खाता संख्या-17, आरएस प्लॉट नंबर-1335 में 25 डिसमिल रैयती भूमि को विधिवत रजिस्ट्री के माध्यम से खरीदा था। हिस्सेदारी आशा कुमारी: 05 डिसमिल, सियाशरण प्रसाद: 08 डिसमिल, बालेश्वर प्रसाद: 12 डिसमिल है।

उसी वर्ष कांके अंचल कार्यालय में म्यूटेशन की प्रक्रिया पूरी हुई और तब से शिकायतकर्ता निर्विवाद रूप से भूमि पर कब्जा बनाए हुए हैं। उनके पास सभी दस्तावेज, जैसे रजिस्ट्री डीड, म्यूटेशन ऑर्डर और 2025-26 तक वैध रसीदें, उपलब्ध हैं।

जून 2025 में पता चला कि कुख्यात जमीन कारोबारी श्री राज शेखर ने उक्त प्लॉट के 12 डिसमिल हिस्से पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर म्यूटेशन करवा लिया और अपने नाम पर रसीद कटवाना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप झारभूमि पोर्टल पर मूल 25 डिसमिल भूमि के लिए 37 डिसमिल की रसीद दिख रही है, जो गणितीय रूप से असंभव है और रिकॉर्ड में हेराफेरी का स्पष्ट प्रमाण है। श्री राज शेखर ने कभी इस भूमि पर भौतिक कब्जा नहीं लिया और उनके दस्तावेज संदिग्ध हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि यह घोटाला कांके अंचल कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से संभव हुआ।

जबकि फर्जी म्यूटेशन से वैध मालिकों के अधिकारों का हनन, जो झारखंड भूमि राजस्व संहिता की धारा 12 और 13 का उल्लंघन है। झारभूमि पोर्टल पर अतिरिक्त 12 डिसमिल की एंट्री से कुल क्षेत्रफल 37 डिसमिल दिखना, जो स्पष्ट फ्रॉड का संकेत है। कांके अंचल में भूमि माफिया के बढ़ते प्रभाव से आम नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा पर खतरा है।

जिला उपायुक्त से मांग की गई है कि तत्काल जांच समिति गठित कर कांके अंचल कार्यालय के रिकॉर्ड्स की फॉरेंसिक जांच की जाए। श्री राज शेखर के फर्जी म्यूटेशन को तत्काल रद्द कर झारभूमि पोर्टल पर रिकॉर्ड सुधारा जाए।

इस भ्रष्टचार में संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय और आपराधिक कार्रवाई की जाए। भूमि पर अनधिकृत कब्जे को रोकने के लिए तत्काल निर्देश दिया जाए। मामले को एंटी-करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को सौंपने और पुलिस में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

यह शिकायत पिछले दो महीनों में सातवीं बार दर्ज की गई है। दो बार उपायुक्त कार्यालय में सशरीर शिकायत दी गई, तीन बार अबुआ साथी पोर्टल के जरिए और एक बार जन शिकायत कोषांग में, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ई-मेल के माध्यम से शिकायत भेजी गई है। शिकायतकर्ता ने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो वे उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने को बाध्य होंगे।

बहरहाल, यह मामला न केवल एक व्यक्तिगत शिकायत है, बल्कि रांची जिले में बढ़ते भूमि माफिया और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का प्रतीक है। एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के प्रधान संपादक के रूप में मुकेश भारतीय ने इस मामले को सार्वजनिक हित में उठाया है, ताकि आम नागरिकों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। अब सबकी नजरें रांची उपायुक्त पर टिकी हैं कि वे इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाते हैं।

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