साथ ही उन्होंने कहा कि राजगीर मलमास मेला की सैराती भूमि समेत अन्य स्थानों पर जिस तरह की अतिक्रमण कर अवैध होटलों-मकानों के निर्माण के सबूत मिले हैं, उसके पिछे एक उच्चस्तरीय शाजिस स्पष्ट होता है, जिसे निचले स्तर के अधिकारी शह दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राजनामा.कॉम पर प्रसारित खबरों को लेकर नालंदा पुलिस-प्रशासन का रवैया एकतरफा और भूमाफियाओं की मिलीभगत से उत्पन्न की नजर आती है। इस तरह की कुकृत्यों की जितनी भी निंदा की जाये वह कम है। मीडिया पर इस तरह के हमले पर सीएम नीतिश कुमार को सीधे संज्ञान ले कड़ी कार्रवाई करनी चाहिये।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत पुलिस सुरक्षा प्राप्त श्री दुर्गां उरांव ने बताया कि नालंदा जिले के राजगीर में सैराती भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा कर निजी इस्तेमाल करना एक गंभीर अपराध है लेकिन,जिम्मेवार अधिकारी कान में रुई डाले बेफ्रिक हैं। उन्हें सरकार और उच्चस्थ अधिकारियों के आदेश-निर्देश की भी कोई परवाह नहीं रह गई है।
उन्होंने कहा कि राजगीर में प्रशासन-नेता-भूमाफिया की गठजोड़ के ठोस दस्तावेज उपलब्ध कराये गये हैं, जिसे लेकर वे हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी में हैं और वे शीघ्र ही जिम्मेवार दोषी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की शुरुआत करेगें।