कला-संस्कृतिबिहार

भंगिमा नाट्य संस्था के वार्षिकोत्सव में रंगकर्मियों ने स्व. गगन-मनुज को याद किया

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज़)। बुधवार को पटना के विधापति भवन के सेमिनार हॉल में मैथिली नाट्य संस्था भंगिमा का 37वां वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें भंगिमा संस्था द्वारा वार्षिकोत्सव में अपने वरिष्ठ रंगकर्मी स्व. कुमार गगन (लेखक, अभिनेता, निर्देशक) एवं वरिष्ठ रंगकर्मी स्व. मनोज मनुज (लेखक, अभिनेता, निर्देशक) को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

मैथिली नाट्य संस्था भंगिमा का 37वां वार्षिकोत्सव का आयोजन बुधवार को विद्यपति भवन के सेमिनार हॉल में किया गया।

In the annual festival of Bhangima Natya Sanstha the theater artist Late. Gagan Manuj remembered 2कार्यक्रम का उद्घाटन भंगिमा के पूर्वाध्यक्ष प्रेमलता मिश्र ‘प्रेम’ , विभूति आनंद, आशा चौधरी एवं चेतना समिति के अध्यक्ष विवकानंद झा के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत में भंगिमा के सचिव आशुतोष मिश्रा ने संस्था द्वारा अबतक किये गए कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। वार्षिकोत्सव में भंगिमा द्वारा हर वर्ष मैथिली नाट्य का आयोजन किया जाता रहा है।

इस वर्ष संस्था किसी नाट्य आयोजन को न कर मैथिली रंगमंच के दो विभूतियों स्व कुमार गगन (अध्यक्ष भंगिमा एवं लेखक, अभिनेता, निर्देशक) एवं स्व मनोज मनुज (लेखक, अभिनेता, निर्देशक, प्रकाश परिकल्पक) को श्रद्धांजलि अर्पित किया।

दोनों ही मैथिली रंगकर्म को लगभग तीन दशक से भी अधिक समय दिया और कोरोना महामारी के दूसरे लहर में हमें छोड़ गए। उनके द्वारा किया गया कार्य विवरण एवं सम्मान इस प्रकार है :-

स्व. कुमार गगन (अध्यक्ष भंगिमा एवं लेखक, अभिनेता, निर्देशक)

– बतौर लेखक इन्होंने कई रचनाओं को रच मैथिली साहित्य को समृद्ध किया है। जैसे – शपथग्रहण, कोइली बिनु बगिया उदास, पाँच प्रश्न, एखनो अबेर नहि भेल अइछ, जय जय जनार्दन, ई त’ कमाल भ’ जायत, सिमरिया डूब, गठबंधन, इहो गाम अलबत्ते, अद्भुत संयोग आदि

– बतौर अभिनेता इन्होंने कई मैथिली नाटकों एवं सिनेमा में अभिनय कर दर्शको का दिल जीता है और पुरस्कार से सम्मानित भी हुए।

– बतौर निर्देशक इन्होंने कई नाटकों को निर्देशित किया है जिसमें महेंद्र मलंगिया लिखित चर्चित मैथिली नाटक काठक लोक इनकी हाल के दिनों का निर्देशन है। यह नाटक राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में चयनित हो सफल मंचन के लिए चर्चित रहा है।

– इन्हें शैलबाला मिश्र पुरस्कार, सर्वोत्तम चरित्र अभिनेता पुरस्कार, बिहार कलाश्री उपाधि, डॉ चतुर्भुज स्मृति सम्मान समेत अनेको सम्मान से सम्मानित किया जा चूका है।

स्व. मनोज मनुज (लेखक, अभिनेता, निर्देशक, प्रकाश परिकल्पक)

– अपनी रंग यात्रा कला समिति से आरम्भ कर बतौर लेखक इन्होंने रेडियो एवं मंच नाटक को लिख मैथिली साहित्य को समृद्ध किया है। घुघ्घू इनकी चर्चित रचनाओं से एक है।

– इन्होंने कई मैथिली नाटकों में अभिनय कर दर्शको का दिल जीता है और कई पुरस्कार से सम्मानित भी हुए ।

– बतौर निर्देशक इन्होंने अपनी लिखी नाटकों समेत दूसरे रचनाकार के नाटकों को भी निर्देशित किया है एवं विभिन्न नाटकों में प्रकाश परिकल्पक के रूप में भी कार्य किया है।

– इन्हें सर्वोत्तम चरित्र अभिनेता पुरस्कार, पटना श्री पुरस्कार, कुमार शैलेन्द्र शिखर सम्मान समेत अनेको सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।

इस कार्यक्रम के उद्घोषक जयदेव मिश्र ने किया। मौके पर छत्रानन्द सिंह झा, कुणाल झा, किशोर केशव, पूनमश्री, रबिन्द्र बिहारी राजु , विभूति आनंद, तनवीर अख्तर, अंतेश झा, सुमित ठाकुर, प्रियंका झा, नितेश कुमार, अमलेश आनंद, आदर्श वैभव, रंजन ठाकुर, विनोद कुमार वीनू, निखिल रंजन, क्षमाकान्त ठाकुर, बैजू झा, सलोनी मलिक समेत कई युवा एवं वरिष्ठ रंगकर्मी मौजूद थे।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker