इंडिया न्यूज रिपोर्टर डेस्क। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बीती मंगलवार देर रात बड़ा हादसा हुआ है। लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर सड़क किनारे खड़ी डबल डेकर बस को तेज रफ्तार ट्रेलर ने टक्कर मार दी। जिससे बस में सवार और उसके नीचे सो रहे एक महिला समेत 22 यात्रियों की मौत हो गई है।
वहीं इस हादसे में 25 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिनमें 12 लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर किया गया है। बस हरियाणा से बिहार जा रही थी।
हादसा बाराबंकी के रामसनेही घाट थाना क्षेत्र में हुआ। बस में करीब 130 यात्री सवार थे। बताया जा रहा है कि हिसार में खराब हुई एक दूसरी बस के यात्री भी इसी में सवार हो गए थे। ओवरलोड होने की वजह से बस का एक्सल टूट गया।
इसे ठीक करने के लिए ड्राइवर ने बस को हाईवे पर कल्याणी नदी के पुल पर खड़ा कर दिया था। यात्रियों को नींद आ रही थी, इसलिए वे बस के नीचे और उसके आसपास लेट गए। रात 11:30 बजे लखनऊ की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रेलर ने बस को टक्कर मार दी।
जिसके बाद यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस को सूचना दी और रेस्क्यू शुरू कर दिया। घायलों को रामसनेहीघाट सीएचसी ले जाया गया, जहां से गंभीर घायलों को जिला अस्पताल और लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया।
इस हादसे के बाद ट्रेलर का ड्राइवर मौके से फरार हो गया। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इससे करीब 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
हादसे के शिकार लोगों ने बताया कि बस में सवार सभी यात्री बिहार के सीतामढ़ी, सुपौल सहित अलग-अलग जिलों के रहने वाले थे। ये सभी मजदूर थे, जो धान की रोपाई के लिए अपने-अपने गांव वापस जा रहे थे।
बाराबंकी हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जाहिर किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर जानकारी ली। पीएम ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद का ऐलान किया है। घायलों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
वहीं, सीएम योगी ने सभी घायलों के मुफ्त इलाज करने के निर्देश दिए हैं। बाराबंकी के डीएम और एसपी घायलों को उनके घर तक भेजने का इंतजाम करेंगे।
बस में सवार यात्रियों के अनुसार वे लोग बिहार के रहने वाले हैं। हरियाणा से घर जा रहे थे। अंबाला से जिस बस में वह लोग बैठे, वह उन्हें हिसार तक लाई।
वहां ड्राइवर ने बस खराब होने की बात कहकर सभी यात्रियों को दूसरी बस के हवाले कर दिया। जिस बस में उनसे बैठने के लिए कहा गया। वह पहले से ही भरी थी।
जब कुछ यात्रियों ने बस में बैठने से इनकार किया तो बस संचालक ने दबाव बनाकर उन सभी को दूसरी बस में ठूंस दिया। 40-50 यात्रियों की क्षमता वाली इस बस में 130 से ज्यादा यात्री थे।