” जिले की समीक्षा बैठक में कमिश्नर आनंद किशोर ने अधिकारियों को दिया आदेश, जमीन अधिग्रहण के साथ-साथ निर्माण कार्य भी शुरु कराने का निर्देश”
हिलसा (चन्द्रकांत)। वर्षो से वाहनों का दबाब झेल रहे शहरवासियों को जल्द ही राहत मिलेगी। प्रस्तावित हिलसा बाईपास का निर्माण कार्य में तेजी आयी है। जल्द ही बाईपास के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण कर निर्माण कार्य शुरु करवाया जाएगा।
कमिश्नर आनंद किशोर शुक्रवार को उक्त आदेश जिले की समीक्षा बैठक में आरसीडी (रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट) के अधिकारियों को दिया। जिले में चल रहे विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान कमिश्नर आनंद किशोर ने हिलसा में बाईपास निर्माण की समीक्षा की। इस दौरान आरसीडी के अधिकारियों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चलने की बात बतायी गयी।
अधिकारियों के इस जबाब से असंतुष्ट कमिश्नर श्री किेशोर ने कहा कि प्रक्रियागत बातों को रखकर योजनाओं को लंबित नहीं रखा जा सकता। हिलसा में बाईपास का निर्माण जनहित में बहुत जरुरी है। इसलिए भूमि अधिग्रहण के साथ-साथ तीन दिनों के अंदर टेंडर निकलवाइए। टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण हो जाने के बाद बाईपास का निर्माण कार्य शुरु करवाईए ताकि लोगों में विश्वास जगे कि सरकार योजनाओं को धरातल पर उतार रही है।
मालूम हो कि हिलसा एक कस्बा से नगर परिषद का दर्जा पा चुका है। पहले से अब की आबादी भी बढ चुकी है। सड़कों पर वाहनों का दबाब भी बढ़ चुका है। शहर से होकर गुजरने वाली सड़कों पर वाहनों के बढते दबाब से होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए बाईपास निकालने का प्रस्ताव बना।
पहले शहर के पूरब से प्रस्तावित बाईपास तकरीबन सात बाद वर्ष 2014 में अमल में आया। इसके बाद घरेलू राजनीत शुरु हो गई। इस राजनीत पर लोकसभा चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री नीतीश के आश्वासन बाद विराम लगा। नीतीश ने हिलसा के पूर्वी के साथ-साथ पश्चिमी इलाके से भी बाईपास निर्माण कराने का आवश्वासन दिया था।
नीतीश के इस घोषणा के बाद बाईपास का निर्माण कार्य उस गति से शुरु नहीं हो पाया जिस गति से होनी चाहिए थी। पहले से चर्चा में रहे पूर्वी बाईपास के निर्माण पर आगे की कार्रवाई तो दूर चर्चा भी बंद हो गयी। नीचे से लेकर ऊपर तक के अधिकारी पश्चिमी इलाके से बाईपास का खाका तैयार करने में जुट गए।
एक हद तक पश्चिमी बाईपास के संबंध में काम भी हुआ, लेकिन अब तक जमीनी स्तर पर निर्माण कार्य शुरु नहीं हो सका। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। तीन सौ अठहत्तर रैयतों में से आधे से अधिक रैयतों की जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है।
एक नजर में प्रस्तावित पश्चिमी बाईपास
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एसएच- 4 से कामता पेट्रोल पम्प के निकट पश्चिम से होगा बाईपास।
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बाईपास की लम्बाई- 05.10 किमी।
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हाई लेवल पुलों की संख्या- एक।
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छोटा पुल-पुलिया की संख्या- सोलह।
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एसएच- 4 पर ढिवरापर रेलवे क्रॉसिंग से आगे मिलेगा।
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बाईपास के निर्माण में लागत- 106 करोड़।