राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखण्ड में हेमंत सरकार बनने से दो वर्ष पहले 2018 से ही JPSC व JSSC द्वारा कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है,अगर एक दो परीक्षा हुई भी तो किसी कारणवश रद्द हो गई या लटकी हुई है। इस कारण लगभग 05 लाख रिक्त पद पड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा कि दुसरी और पिछले पांच साल से परीक्षा नही होने के कारण झारखण्ड के युवाओं की उम्र और नौकरी की उम्मीद दोनों खत्म हो गई है। विशेषकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जो पांच लाख नौकरी,जेपीएससी में सुधार की वादा कर सरकार बनाई लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी ढाक के तीन पात साबित हुए। हेमंत सरकार के नियुक्ति वर्ष 2021 के बाद 2022 भी खत्म होने को है ?
श्री ओझा ने कहा कि सरकार तीन साल में एक ठोस स्थानीय-नियोजन नीति नहीं बना सकी जो भी नियमावली बनाई अदालत चली गई। लगभग एक साल खतियान आन्दोलन के बाद आनन-फानन में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की प्रारुप कैबिनेट लाई उसमें भी नौवी अनुसूचि की पैंच फसा दी और लागू हो गया की ढिंढोरा पीटने लगी। कह सकते हैं हेमंत सरकार का हर फैसला राजनीति से प्रेरित रहती।
उन्होंने सरकार से सबसे पहले खतियान आधारित स्थानीय-नियोजन बनाने और पांच साल उम्र की छूट देते हुए सभी रिक्त पदों को अविलंब भरे जाने की माँग पूरी नहीं होने की स्थिति में झारखण्ड यूथ एशोसिएशन द्वारा जनआन्दोलन की चेतावनी दी है।
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