“यहां डीआईजी, आईजी की क्या बात करें, वन विभाग के संरक्षक सह सीएम नीतीश कुमार के ओएसडी गोपाल कुमार की भी भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है……”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले में गजब का सुशासन चल रहा है। एक गुनाहगार को हटाकर दूसरे गुनाहगार को कुर्सी पर बैठा दिया जाता है। पुलिस महकमा का तो इस मामले में कोई सानी नहीं है। मामला कितना भी गंभीर और हाई प्रोफाइल हो, कोई फर्क नहीं पड़ता।
हमारे एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के पास उन सभी पीड़ित 5 वनकर्मियों की दर्दनाक आपबीती के वीडियो उपलब्ध हैं। उसे किश्तों में आप सुधी पाठकों के बीच रखेंगे, ताकि आप अंदर से महसूस कर सकें कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के बजाय उसे दबाने के प्रयास सुशासन की किस मानसिकता के घोतक हैं।
बहरहाल, पुलिस कप्तान की अगुआई में बेकसूर वनकर्मियों की हुई निर्मम पिटाई के मामले में थानाध्यक्ष बिजेन्द्र प्रसाद सिंह को तत्काल निलंबित कर दिया, लेकिन लोगों में आश्चर्य की बात यह देखी जा रही है कि घटना में शामिल दूसरे पुलिस इंसपेक्टर (सर्किल) उदय कुमार को प्रभारी थानेदार बना दिया गया है।
हमारे एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के पास पुख्ता सबूत है कि बेकसूर वनकर्मियों की हुई निर्मम पिटाई मामले में जितनी भूमिका निलंबित थानेदार बिजेन्द्र कुमार सिंह की रही है, उतनी ही संलिप्तता सर्किल पुलिस इंसपेक्टर उदय कुमार की रही है।