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राँची के देव कुमार की ‘मैं हूँ झारखंड’ को दिनेश कुमार दिनमणि ने दी यूं शुभकामना

राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क)। झारखंड की राजधानी राँची के ओरमांझी प्रखंड के निवासी ने अनोखा कार्य कर दिखाया है। वैश्विक स्तर पर “बिरहोर-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश” की सराहना होने के बाद उनकी दूसरी कृति “मैं हूँ झारखंड” है।

पुस्तक की समीक्षा करते हुए चर्चित खोरठा साहित्यकार दिनेश कुमार दिनमणि ने शुभकामना संदेश देते हुए लिखा है-

देव कुमार अब किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बिरहोरी भाषा का अनूठा शब्दकोश बनाकर आप झारखंड ही नहीं,देश-विदेश में चर्चित हो चुके हैं। अनूठे सोच के धनी,ऊर्जावान युवा, अन्वेषण प्रिय देव कुमार जी पुनः शिक्षित समाज के बीच अपनी नई कृति “मैं हूँ झारखंड” के साथ उपस्थित हैं, जो आपके हाथ में है। झारखंड पर इनकी यह विलक्षण पुस्तक है। मुझे इस पुस्तक की मुद्रण हेतु तैयार सामग्री को देखने का अवसर मिला तो मैं देव जी के काम की सराहना किये बिना रह न सका। प्रथम दृष्टया ही मुझे इसकी विलक्षणता ने प्रभावित किया। मुझे यह लंबे समय तक पूरी सजगता के साथ एकनिष्ठ भाव से किये गए कठिन परिश्रम का ठोस परिणाम प्रतीत हुई। इस पुस्तक पर कुछ लिखने का अवसर पाकर मैं भी गौरव का अनुभव कर रहा हूँ।

“मैं हूँ झारखंड” मेरी जानकारी में झारखंड पर बनाई गई अबतक की पुस्तकों से कई मायनों में अलग और खास है। इसमें झारखंड का भौगोलिक वैशिष्ट्य, उसका तथ्यपरक विश्लेषण, प्राकृतिक परिदृश्य का वस्तुपरक परिचय, खनिज-वन संपदा, इतिहास, पुरातात्विक अवशेषों की प्राप्तियाँ,स्वतंत्रता आंदोलनों का इतिहास, सामाजिक-सांस्कृतिक विरासत, शासन-प्रशासन,प्राकृतिक व मानव संसाधन, खान-खनिज, उद्योग-धंधे, कृषि, रोजगार, शिक्षा, शैक्षिक केंद्र, भाषा-साहित्य,कला-संस्कृति, गीत-संगीत, खेल-कूद, व्यक्तित्व आदि-आदि….। झारखंड के संदर्भ पर शायद ही कोई विषय-क्षेत्र है जो इसमें न हो। सबसे बड़ी बात है कि हर विषय-क्षेत्र की सूचनाओं को सतही नहीं, अपितु तथ्यों की गहराई और अंतिम स्तर तक जाकर पूरी प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है जिसमें संतुलन है और सबके साथ न्याय हुआ है।

वस्तुतः यह पुस्तक झारखंड विषयक एक वृहतकोश है, समग्रता के साथ झारखंड का विहंगावलोकन है। मुझे विश्वास है, निरंतर कठिन परिश्रम से तैयार यह पुस्तक कई दृष्टिकोण से उपयोगी साबित होगी।

मैं देव कुमार जी की इस नई कृति के लिए साधुवाद और बधाई देता हूँ। इस पुस्तक की सफलता की मधुर कामना करता हूँ। आपकी रचनात्मक क्रियाशीलता को निरंतरता और ऊँचाई मिलती रहे…

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