ए क्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। रांची के तालाबों का सौंदर्यीकरण हो पाना रांची वासियों अब सपने जैसा लगने लगा है। करोड़ों रुपए के लागत से तालाबों के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण करने की योजना थी, सौंदर्यीकरण तो हुआ नहीं उल्टा तालाबों की शक्ल गटर जैसी कर दी गयी।
डेढ़ साल बाद भी सौंदर्यीकरण की योजना आधी-अधूरी है। कहीं तालाबों को खोदकर छोड़ दिया गया है, तो कहीं कीचड़ जम गए हैं। जबकि कई जगह काम बंद पड़े हैं।
फिर भी रांची नगर निगम दावा कर रहा है कि छठ से पहले तक तालाबों के संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण का काम पूरा कर लिया जायेगा, लेकिन कार्य की रफ्तार और ठेकेदारों के लेटलातीफ रवैये को देख इस वर्ष भी तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो पाना मुश्किल दिख रहा है।
सबसे हैरानी की बात यह है कि नगर निगम जिन ठेकेदारों से सौंदर्यीकरण का काम करवा रहा है, उनमें ब्लैकलिस्ट ठेकेदार भी शामिल हैं।
सब कुछ जान कर भी दिया गया काम
ठेकेदार उदयनाथ दुबे को मोरहाबादी के जॉगिंग पार्क का काम मिला था, जिसमें समय सीमा पर काम नहीं करने और खराब क्वालिटी का काम देख उन्हें पहले डिबार करने चेतावनी दी गई थी। इसके बाद यही हाल रहने पर ठेकेदार को रांची नगर निगम ने ब्लैक लिस्ट कर दिया।
हैरत की बात यह है कि छह माह पहले ब्लैक लिस्ट हुआ ठेकेदार रिम्स के पास स्थित टुंकी टोली तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य करवा रहा है। सब कुछ मालूम होने के बाद भी रांची नगर निगम इस ठेकेदार से काम करवा रहा है।
ब्लैकलिस्ट होने के बाद भी नहीं सुधरा रवैया
वहीं ब्लैकलिस्ट ठेकेदार की हिम्मत तो देखिये। डिबार होने के बाद भी काम ले लिया और फिर से पुराना रवैया अपना लिया। टुंकी तालाब के सौंदर्यीकरण का एग्रीमेंट 16.12.2015 को हुआ था।
एक करोड, 24 लाख 79 हजार 503 की आवंटित राशि से तालाब को नौ महीने में पूरा करना था। काम को अब दो साल पूरे होने वाले है, लेकिन अभी तक 20 प्रतिशत भी काम पूरा नहीं हो पाया है।
सवाल यह उठता है कि ठेकेदार के इस लेटलतीफ रवैये पर अब निगम खामोश क्यों है। अधिकारियों एवं पदाधिकारियों की ठेकेदारों के प्रति इतनी हमदर्दी क्यों ?
वहीं ठेकेदार का कहना है कि नगर निगम ने 6 महीने से भुगतान रोक रखा है। मार्च के काम का भुगतान जून में होता है। घर बेचकर काम तो करवाया नहीं जा सकता।
11 तालाबों का होना था सौंदर्यीकरण, एक भी नहीं हुआ
डेडलाइन, कन्स्ट्रक्शन क्वालिटी को ताक पर रखकर तालाबों के सौंदर्यीकरण में लगे ठेकेदारों में कई को डिबार किया जा चुका है। इसे लेकर नगर निगम ने कई बार निर्देश भी दिए हैं। इसके बावजूद ठेकेदारों का लेटलतीफ रवैया जारी है।
गौरतलब है कि शहर के 11 तालाबों का सौंदर्यीकरण 13-14 वें वित्त आयोग के अंतर्गत होना है। जिसका जीर्णोद्धार नगर निगम की निगरानी में होना था। कुल 38 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गयी थी।
अधिकतम 18 महीने में राजधानी के तलाबों को सुंदर बनाने सीमा तय की गयी थी। आज लगभग सभी तलाबों में सौंदर्यीकरण के काम को डेढ़ साल से अधिक बीत गए हैं, लेकिन एक भी तलाब के सौंदर्यीकरण का काम पूरा नहीं हो पाया है।
छठ से पहले कार्य पूरा करने का निर्देश
झारखंड सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने छठ से पहले तक तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम पूरा करने के लिए निर्देश दिया हैं।
वहीं तालाबों के सरंक्षण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के पूरा होने के समय सीमा को बीचे छह माह बीत गए, लेकिन एक भी तालाब का काम पूरा नहीं हुआ है, फिर भी नगर निगम छठ से पहले काम पूरा करवाने का दावा कर रहा है।
डिप्टी मेयर ने लिखा नगर आयुक्त को पत्र
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि रिम्स के पास स्थित टुंकी तालाब के ठेकेदार के काम से वे संतुष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि इस ठेकेदार के द्वारा मोराबादी में बनाए जॉगिंग पार्क में बरती अनमियतताएं को लेकर नगर निगम डसे डिबार किया। इसके बाद ब्लैकलिस्ट भी किया गया। इसके बावजूद उसे तालाब का काम दिया जाना समझ से परे हैं।
उन्होंने बताया कि ठेकेदार को हटे के लिए 10 दिन पहले उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिखा है, लेकिन अबतक उधर से कोई जवाब नहीं आया है।