वाराणसी (INR)। जनता के अरबों रुपये लेकर चंपत होने वाली कंपनी वास्तु विहार के ब्रांड अंबेसडर रहे मनोज तिवारी, जो सांसद तो हैं ही, भाजपा दिल्ली के अध्यक्ष भी हैं, के खिलाफ फ्रॉड और चीटिंग का केस दर्ज कर लिया गया है। यह केस एक पीड़ित उपभोक्ता ने बिहार के दरभंगा जिले में दर्ज कराया है।
दरभंगा के चीफ मजिस्ट्रेट विद्यासागर पांडेय की अदालत में मुन्ना चौधरी नामक एक व्यक्ति ने मनोज तिवारी पर चीटिंग और फ्राड का केस दर्ज कराया है। मुन्ना चौधरी का कहना है कि उसने वास्तु विहार कंपनी से एक फ्लैट बुक कराया था लेकिन उसे न तो फ्लैट मिला और न ही कंपनी पैसे वापस दे रही है।
मुन्ना चौधरी ने शिकायत में कहा है कि मनोज तिवारी वास्तु विहार कंपनी के ब्रांड अंबेसडर रहे हैं और उनकी शकल देखकर ही उन लोगों ने पैसा लगाया। अगर मनोज तिवारी जैसा शख्स इस प्रोजेक्ट से न जुड़ा होता और फ्लैट बुक करने की अपील न करता तो वो इस प्रोजेक्ट में निवेश नहीं करते।
पीड़ित मुन्ना चौधरी के मुताबिक मनोज तिवारी का चेहरा सामने होने के कारण वह वास्तु विहार कंपनी पर भरोसा कर बैठे और यह मान लिया कि यह कंपनी धोखाधड़ी इसलिए नहीं करेगी क्योंकि इसमें मनोज तिवारी की इज्जत भी दांव पर है। पर ऐसा हुआ नहीं। कंपनी ने न सिर्फ धोखा दिया बल्कि मनोज तिवारी भी चुप्पी साध गए हैं और इस प्रोजेक्ट से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं जबकि सभी को पता है कि कई राज्यों में वास्तु विहार घोटाले को फलने-फूलने का पूरा काम मनोज तिवारी के चेहरे को आगे रखकर किया गया है।
मुन्ना चौधरी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2013 में वास्तु विहार कंपनी से फ्लैट बुक कराया। कंपनी ने एक साल में फ्लैट देने का वादा किया था। इसके बदले उसने आठ लाख रुपये लिए। अभी तक न तो कंपनी ने पैसा लौटाया और न ही फ्लैट बनाकर दिया। अब जब वो कंपनी से अपना मूल धन वापस मांग रहे हैं तो कंपनी के लोग नए नए बहाने कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि वास्तु विहार घोटाला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में भी खूब फला फूला है। यहां भी सैकड़ों लोग करोड़ों रुपये गंवा कर बैठे हैं और कंपनी से अपना मूल धन वापस पाने के लिए लड़ रहे हैं लेकिन उन्हें न तो मीडिया का समर्थन मिल रहा है और न ही पुलिस प्रशासन कोई सहयोग दे रहा क्योंकि हर जगह भाजपा का राज है और मनोज तिवारी इन दिनों भाजपा के चर्चित चेहरों में से एक हैं।