बिहार: अब कुत्ता, ट्रैक्टर के बाद ब्लूटूथ का बना निवास प्रमाण पत्र!

पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार में अजब-गजब घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले मधेपुरा में महिला के मतदाता पहचान पत्र पर सीएम नीतीश कुमार की फोटो, फिर पटना के मसौढ़ी में कुत्ते का और मुंगेर में ट्रैक्टर का निवास प्रमाण पत्र वायरल हुआ। अब ताजा मामला पटना के बाढ़ अनुमंडल से सामने आया है, जहां एक ब्लूटूथ डिवाइस का निवास प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है।
जी हां, आपने सही पढ़ा। एक ब्लूटूथ डिवाइस को बिहार का स्थायी निवासी घोषित किया गया है! सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस निवास प्रमाण पत्र के अनुसार बाढ़ अंचल से 12 जुलाई 2025 को एक प्रमाण पत्र जारी किया गया, जिसे सरकारी वेबसाइट पर अपलोड भी किया गया है।
प्रमाण पत्र में लिखा है कि “ब्लूटूथ (नॉयज), पिता: ईस्टवुड ब्लूटूथ, माता: ईस्टवुड, गांव: अगवनपुर, वार्ड संख्या-16, डाकघर: बाढ़, पिनकोड: 803213, थाना: बाढ़, अनुमंडल: बाढ़, जिला: पटना, राज्य: बिहार” के स्थायी निवासी हैं। प्रमाण पत्र में ब्लूटूथ एयरपॉड की तस्वीर भी लगी है, जो इस मामले को और भी हास्यास्पद बनाती है।
हालांकि, एक्सपर्ट मीडिया न्यूज इस वायरल प्रमाण पत्र की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। प्रशासन की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। कुछ इसे प्रशासनिक लापरवाही का नमूना बता रहे हैं तो कुछ इसे हंसी-मजाक का विषय बना रहे हैं।
हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है, जब बिहार में इस तरह की अजीबोगरीब घटनाएं सामने आई हों। हाल ही में मुंगेर के सदर ब्लॉक ऑफिस से एक ट्रैक्टर का निवास प्रमाण पत्र वायरल हुआ था। उस प्रमाण पत्र में आवेदक का नाम सोनालिका चौधरी दर्ज था, जिसकी तस्वीर में सोनालिका ट्रैक्टर दिखाया गया था।
प्रमाण पत्र में पिता का नाम बेगूसराय चौधरी और माता का नाम बलिया देवी लिखा था और साथ ही पता लिखा था-ग्राम: ट्रैक्टरपुर दियारा, मुंगेर। यह प्रमाण पत्र 8 जुलाई 2025 को जारी हुआ था, जिसका नंबर BRCCO/2025/14127367 था।
इसी तरह पटना के मसौढ़ी में एक कुत्ते का निवास प्रमाण पत्र और मधेपुरा में सीएम नीतीश कुमार की फोटो वाला मतदाता पहचान पत्र भी सुर्खियां बटोर चुका है। इन घटनाओं ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस ब्लूटूथ प्रमाण पत्र को देखकर लोग हैरान हैं। कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की है कि अब क्या मोबाइल फोन को भी आधार कार्ड या वोटर कार्ड मिलेगा?
वहीं, कुछ ने इसे प्रशासन की लापरवाही का प्रतीक बताया। एक यूजर ने लिखा कि बिहार में अब कुछ भी संभव है। आज ब्लूटूथ, कल शायद वाई-फाई राउटर का भी प्रमाण पत्र बन जाए!
बहरहाल, इन घटनाओं ने बिहार के प्रशासनिक तंत्र में खामियों को उजागर किया है। क्या यह मानवीय भूल है, सिस्टम में खराबी या जानबूझकर की गई शरारत? विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल सिस्टम में डेटा प्रविष्टि के दौरान उचित सत्यापन की कमी इस तरह की गलतियों को जन्म दे रही है।