रांची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। झारखंड की राजनीति और कानून व्यवस्था से जुड़े एक गंभीर और चौंकाने वाले खुलासे ने नया तूफान खड़ा कर दिया हैं। प्रथम मुख्यमंत्री एवं वरीय भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर दावा किया हैं कि झारखंड के पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और कुख्यात गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के बीच संगठित और गहरी सांठगांठ रही हैं, जिसके जरिए एक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक सिंडिकेट संचालित किया जा रहा था।
मरांडी ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) के महानिदेशक को विस्तृत दो पृष्ठ का पत्र लिखते हुए पूरे गिरोह की व्यापक, निष्पक्ष और समयबद्ध जांच की मांग की हैं। मरांडी ने अपने पत्र में उल्लेख किया हैं कि सुजीत सिन्हा गिरोह पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। जिनमें पंजाब के मोगा जिले में ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियारों की खरीद, हथियारों का स्रोत शत्रु राष्ट्र पाकिस्तान से जुड़ा होना और अंतर्राष्ट्रीय अपराधी प्रिंस खान से संबंध भी शामिल हैं।
उन्होंने लिखा हैं कि यह गतिविधियां न केवल झारखंड बल्कि भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा पैदा करती हैं। मरांडी ने पत्र में दावा किया हैं कि रांची पुलिस द्वारा UAPA के तहत गिरफ्तार रिया सिन्हा (सुजीत सिन्हा की पत्नी) के मोबाइल से प्राप्त डेटा में पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता से “संदिग्ध और लगातार संपर्क” के प्रमाण मिले हैं।
मरांडी ने यह भी आरोप लगाया गया हैं कि गुप्ता कथित तौर पर कोयलांचल शांति समिति (KSS) नामक संगठन का संचालन करवाते थे। यह संगठन जबरन वसूली और अन्य संगठित अपराधों के लिए मुखौटा के रूप में इस्तेमाल होता था। गुप्ता को वसूली की गई राशि का हिस्सा भी मिलता था।
मरांडी ने यह भी अनुरोध किया हैं कि एनआईए यह जांच करे कि क्या गिरोह और पूर्व डीजीपी की सांठगांठ का उद्देश्य भारतमाला परियोजना क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित करना था? क्या ठेकेदारों और ट्रांसपोर्टरों से बड़े पैमाने पर वसूली करवाने की साजिश थी?
मरांडी ने पत्र में यह भी आशंका जताई गई हैं कि गैंगस्टर अमन साहू की मुठभेड़ कथित तौर पर सुजीत सिन्हा गिरोह को फायदा पहुंचाने और प्रतिस्पर्धा समाप्त करने के लिए प्रायोजित की गई हो सकती हैं।
मरांडी ने दावा किया हैं कि पुलिस के कुछ अधिकारियों ने रिया सिन्हा और पूर्व डीजीपी के बीच की चैट को दबाने की कोशिश की, जो प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश का संकेत देता हैं।
मरांडी ने लिखा हैं कि पाकिस्तान से हथियार तस्करी, अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शन और पुलिस–गैंगस्टर गठजोड़ जैसे गंभीर आरोपों को देखते हुए यह मामला सिर्फ NIA जैसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा ही बेहतर तरीके से जांचा जा सकता हैं।
उन्होंने पत्र के अंत में लिखा हैं कि इस गंभीर मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए राष्ट्रहित में गहन जांच की आवश्यकता हैं। मरांडी के इस खुलासे ने झारखंड की राजनीति और सुरक्षा जगत में बड़ा हलचल मचा दिया हैं। अब नजर एनआईए और केंद्र सरकार की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।





