“नालंदा में व्यापक पैमाने पर जारी फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति में पंचायत प्रतिनिधि, प्रखंड स्तरीय विभागीय तंत्र तो आकंठ डूबे तो हैं ही, इस गोरखधंधे में जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी भी कटघरे में खड़े हैं।”
नालंदा (वरीय संवाददाता)। सूचना अधिकार अधिनियम -2005 के तहत प्राप्त दस्तावेज के अनुसार नालंदा जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा बिना साक्ष्य और दस्तावेज के केवल शपथ पत्र के आधार पर अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत किया गया और उसी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर संतोष कुमार भारती नामक एक व्यक्ति कतरीसराय के स्कूल में शिक्षक की नौकरी कर रहा है।
प्राप्त सूचना के अनुसार नालंदा जिले के गिरियक थाना के वरीठ गांव निवासी संतोष कुमार भारती ने 06.11.08 को यह शपथ पत्र सौंपा था कि उसने विशेष शिक्षा वरीठ गिरियक नालंदा में अनुशक के पद पर जुलाई 1990 से जुलाई 1992 तक कार्य किया है, जिसका भुगतान कतरीसराय पंजाब नेशनल बैंक के खाता संख्या-3952 में किया गया है। अतः उक्त अवधि का अनुभव प्रमाण पत्र की उसे अति आवश्यकता है।
इसके बाद नालंदा जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी ने उक्त शपथ पत्र को आधार बना कर 11.12.2008 को वरीठ शिक्षा केन्द्र में 01.01.1990 से लेकर 31.03.1992 तक अनुदेशक के पद पर कार्य करने का अनुभव प्रमाण जारी कर दिया।
गौरतलब है कि शपथ पत्र के अनुसार आवेदक ने जुलाई, 1990 से जुलाई, 1992 के बीच कार्य करने का शपथ पत्र दिया वहीं, नालंदा जिला शिक्षा कार्यक्रम पदाधिकारी ने जनवरी, 1990 से मार्च, 92 तक का प्रमाण पत्र जारी किया। दोनों में सामायिक विरोधाभाष भी साफ स्पष्ट होता है।