पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। बिहार के सीएम (CM) नीतीश कुमार ने अपना उत्तराधिकारी ढूंढ लिया है। सियासी गलियारे में इसकी चर्चा शुरू हो गई है कि चर्चित आईएएस अधिकारी मनीष कुमार वर्मा सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का दामन थामने जा रहे हैं। वह जल्द ही जदयू की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
मनीष कुमार वर्मा वर्ष 2014 में पटना के जिलाधिकारी के पद पर चुके हैं। इसके बाद उन्हें पूर्णिया का जिलाधिकारी भी बनाया गया था। मनीष कुमार मूल रूप से नालंदा के रहने वाले हैं। उनका जन्म वर्ष 1974 में नालंदा में हुआ है। नीतीश कुमार की जाति से आने के साथ-साथ उनके करीबी रिश्तेदार भी बताए जाते हैं।
मनीष कुमार वर्मा वर्ष 2000 में वह उड़ीसा कैडर के आईएएस अधिकारी बने और सबसे पहले वह उड़ीसा के कालाहांडी में सब कलेक्टर बनाए गए थे। इसके बाद वह गुनपुर, रायगढ़ में एसडीएम के पद पर रहे।
मनीष कुमार वर्मा को नौकरी के पांच साल बाद पहली बार मलकानगिरी जिले का डीएम बनाया गया था। वर्ष 2012 तक वह उड़ीसा में कई जिलों के डीएम रहे, लेकिन वर्ष 2012 के बाद उड़ीसा को छोड़कर इंटर स्टेट डेपुटेशन में पांच साल के लिए बिहार आ गए।
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार आते ही उन्हें बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी भी दी। पटना और पूर्णिया के जिलाधिकारी के रूप में काम करने का मौका दिया। उनके ही कार्यकाल में पटना के गांधी मैदान में रावण वध के दौरान बड़ी घटना हुई थी। बिहार में पांच साल रहने के दौरान उन्हें सीएम के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका दिया गया।
23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो भारत सरकार की मंत्रिमंडलीय नियुक्ति समिति की ओर से पत्र जारी किया गया और इन्हें वापस उड़ीसा भेजा जाने लगा तो मनीष कुमार वर्मा ने इनकार कर दिया। वीआरएस लेकर उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
नौकरी छोड़ने के बाद सीएम नीतीश कुमार मनीष कुमार वर्मा पर काफी मेहरबान हो गए। वर्ष 2018 में नौकरी छोड़ने के बाद ही उन्हें बिहार सरकार में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य मनोनीत कर दिया गया। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक पद ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष तक अगले आदेश तक सदस्य बने रहने की बात कही गई थी।
सीएम नीतीश कुमार ने वर्ष 2022 के फरवरी महीने में मनीष कुमार वर्मा को एक बड़ा तोहफा दिया था। दो फरवरी 2022 को कैबिनेट की बैठक में बिहार के सीएम के लिए अतिरिक्त परामर्शी पद के सृजन के साथ इस पर मुहर लगी। उस वक्त चर्चा जोड़ों पर हो गई थी कि आखिर सीएम किसे अपने खास अधिकारी के रूप में रखेंगे।
हालांकि यह तय हो गया था कि यह पद खासकर सृजन इसलिए किया गया है कि वह अपने करीबी आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा को अपना परामर्शी बनाएंगे। मनीष कुमार वर्मा उस वक्त सीएम के परामर्शी बनाए गए थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में मनीष कुमार वर्मा अनाधिकृत रूप से चुनाव प्रचार भी करते देखे गए थे। अब वह खुलकर जदयू को मजबूत करने में लगेंगे। अब नीतीश कुमार मनीष कुमार वर्मा को अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे।
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