” इसके अलावे जितने भी मध्य विद्यालय हाई स्कूल में उत्क्रमित किये गये हैं। वहां मिडिल स्कूल के ही हेडमास्टर इन हाई स्कूलों के हेडमास्टर का काम संभाले हैं। जबकि वे हाई स्कूल के हेडमास्टर बनने की योग्यता नहीं रखते हैं। किसी भी स्कूल में रेगुलर क्लास नहीं होते हैं। होती है तो केवल हाजिरी बनाने का काम।”
नालंदा (राम विलास) । नालंदा जिले के राजगीर अनुमंडल के सिनियर सेकेंडरी, सेकेंडरी और उत्क्रमित हाई स्कूलों में हेडमास्टर के पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में लिपिक और आदेशपाल के भी लाले पड़े हैं। ये सभी हाई स्कूल प्रभारी हेडमास्टर के भरोसे चल रहा है।
स्थायी हेडमास्टर के नहीं रहने से स्कूल में शैक्षणिक और प्रशासनिक माहौल अनुकूल नहीं है। प्रभारी हेडमास्टर अक्सर कोई न कोई बहाना बनाकर स्कूल से फरार रहते हैं। कभी डीईओ के यहां बैठक के नाम पर तो कभी सरकारी-विद्यालयीय काम को लेकर स्कूल से बाहर रहते हैं। इसका शैक्षणिक कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ता है।
अपवाद को छोड़कर इन स्कूलों में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं है। शिक्षक क्लास जाने के वजाय घरेलू, सामाजिक और राजनैतिक चर्चा कर समय व्यतीत करते हैं।
राजगीर के आरडीएच हाई स्कूल, हाई स्कूल बेलदार बिगहा और ए.के.ए हाई स्कूल अंडवस, सिलाव के गांधी हाई स्कूल, सिलाव, रास बिहारी हाई स्कूल, नालंदा, किसान हई स्कूल धरहरा, हाई स्कूल नानंद, हाई स्कूल बिन्डीडीह, नव नालंदा हाई स्कूल नीरपुर, धनेष्वरी कन्या हाई स्कूल नीरपुर में रेगुलर हेडमास्टर नहीं हैं।
इसी प्रकार, बेन प्रखण्ड के हाई स्कूल मुरगामा को छोड़ विद्या विहार हाई स्कूल एकसारा, बापू हाई स्कूल गुरूशरणपुर, सरदार पटेल हाई स्कूल देवरिया, सरदार वल्लभभाई पटेल हाई स्कूल गंगटी और आट हाई स्कूल में हेडमास्टर के पद रिक्त हैं।
इसी प्रकार गिरियक के आदमपुर हाई स्कूल को छोड़ किसी भी हाई स्कूल में रेगुलर हेडमास्टर नहीं हैं। यहां के कांग्रेस हाई स्कूल दषरथपुर, हाई स्कूल घोसरामा और प्रोजेक्ट गर्ल स्कूल गिरियक में हेडमास्टर का पद रिक्त है। कतरीसराय प्रखण्ड में टेकनारायण हाई स्कूल बादी और हाई स्कूल कटौना है। ये दोनों हाई स्कूल भी प्रभारी हेडमास्टर के भरोसे चल रहा है।
उत्क्रमित हाई स्कूलों का हाल तो और खराब है। बिना हेडमास्टर और अध्यापक के ये स्कूल चल रहे हैं। कतरीसराय के गोर्वधन विगहा, भगवानपुर, पलटपुर, गिरियक के चारसुआ, इसुआ, पुरैनी, सकुचीसराय, राजगीर के लहुआर, बसुएन, लोदीपुर उत्क्रमित हाई स्कूल है। लहुआर, बसुऐन और लोदीपुर में हेडमास्टर के पद सृजित किये हैं। लेकिन अबतक पदस्थापन नहीं किया गया है।
अब तक इन स्कूलों में मिडिल स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर ही उत्क्रमित सेकेंडरी स्कूल के हेडमास्टर का कार्यभार संभाले हैं। इन स्कूलों में लिपिक और आदेषपाल के पद अबतक सृजित नहीं किये गये हैं। फलस्वरूप ये स्कूल विना लिपिक और आदेषपाल के संचालित हो रहे हैं। हेडमास्टर ही लिपिक और मैसेंजर का काम करने के लिए मजबूर है।
हाई स्कूलों में हेडमास्टर का पद रिक्त रहने से पढ़ाई और अनुषासन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। अपबाद को छोड़कर किसी भी स्कूल में सभी घंटी क्लास नहीं लगते हैं। लगती है तो केवल पहली घंटी जिसमें हाजिरी बनाने का काम होता है। नतीजा है कि किसी भी स्कूल में किसी भी साल छात्रों के पाठ्यक्रम पुरे नहीं होते हैं। कोचिंग और ट्यूषन के भरोसे छात्र पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए मजबूर हैं।
अधिकारी बोले…………….
“सिनियर सेकेंडरी, सेकेंडरी और उत्क्रमित स्कूलों में हेडमास्टर, के रिक्त पदों को भरने के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई चल रही है। लिपिक और आदेशपाल के रिक्त पदों को भरने के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा पहल जारी है। हेडमास्टर के पद रिक्त रहने से स्कूलों में पढ़ाई और अनुशसन पर कोई प्रतिकूल असर नहीं है। सभी स्कूलों में समय से पाठ्यक्रम पुरे किये जा रहे हैं।” ……..डा. विमल ठाकुर, डीईओ नालंदा