“सूचना दिए जाने के चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बनी हुई है। अब तक इस इलाके में किसी भी मेडिकल टीम को भेजा नहीं गया गया है और ना ही कोई अधिकारी इसकी जानकारी लेने आए हैं।”
बिहारशरीफ (विशेष संवाददाता)। नालंदा की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा गयी है। कभी सूबे के नंबर वन में शुमार होने वाले बिहार शरीफ सदर अस्पताल में डायरिया के मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है।
बिहार शरीफ के छोटी पहाड़ी और मंसूर नगर इलाके मैं पिछले 4 दिनों से डायरिया ने अपना पांव पसार लिया है। चार दिनों में अब तक इस इलाके के करीब 3 दर्जन लोग डायरिया से आक्रांत हो गए हैं। उनकी कोई भी सुध लेने वाला नहीं है ।
हालांकि इलाके के लोगों ने स्वास्थ्य महकमे से गुहार भी लगाई, मगर अब तक इस इलाके में विभाग की टीम नहीं पहुंची।
डायरिया से आक्रांत अब तक करीब 10 लोगों को बिहार शरीफ सदर अस्पताल से बेहहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया है। मगर सदर अस्पताल में उनका इलाज नहीं किया गया है।
चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक स्वास्थ्य विभाग की नीद नहीं टूटी है, जबकि इलाके के वार्ड पार्षद सहित कई लोगों द्वारा नालंदा के सिविल सर्जन सहित अन्य आला अधिकारी को इसकी सूचना दी गयी है।
डाइरिया से आक्रांत इस इलाके के के लोगों का आरोप है कि जब भी बिहारशरीफ सदर अस्पताल में इलाज के लिए ले गए तो उन्हें सदर अस्पताल से पटना रेफर कर दिया जाता है। जिसके कारण वे लोग अपने मरीज को निजी क्लीनिक में इलाज कराने के लिए मजबूर हैं।
इस बाबत जब नालंदा के सिविल सर्जन से संपर्क किया गया तो वे अपने आप को जिला से बाहर होने की बात कहते हए अपना पल्ला झाड़ लिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले के बिहार शरीफ सदर अस्पताल जिसे ISO का सर्टिफिकेट दिया गया है, उसकी यह हालात है तो बाकी अन्य सदर अस्पतालों की क्या हालत होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।
लोगों में भय इस बात की है कि आने वाले दिनों में और घरों के बच्चे इस बीमारी से ग्रसित होगें, जिन्हे समय इलाज नहीं मिलेगा तो वो काल के गाल में सामा जायेगे।
यह कोई पहला मौका नहीं है कि इलाके के लोग डायरिया से आक्रांत हैं, इसके पूर्व भी इस इलाके के लोग डायरिया से पीड़ित हुए थे।
इसका मूल कारण है कि इलाके में जल जमाव और दूषित जल का सेवन यानि सीधे तौर पर यह कहा जाये कि पीएचईडी ने भी इस इलाके पर ध्यान नहीं दिया जिसका खामियाजा यहां के गरीबो को भुगतना पड़ रहा है ।