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    Thursday, November 21, 2024
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      रामगढ़ विधायक ममता देवी अयोग्य करार, विधानसभा अध्यक्ष ने खत्म की सदस्यता

      "जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सजा की अवधि समाप्त होने के छह साल की अवधि के बाद भी कोई चुनाव लड़ने के लिए वो अयोग्य रहेंगी। अब भारत चुनाव आयोग छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना जारी करेगा...

      राँची (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)।  झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सोमवार को रामगढ़ विधायक ममता देवी की अयोग्यता का आदेश जारी कर दिया। इसकी अधिसूचना सोमवार को जारी की गई।

      ममता को हजारीबाग कोर्ट ने 13 दिसंबर को फायरिंग के एक मामले में पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। अब रामगढ़ विधानसभा सीट खाली हो गई है। ममता कांग्रेस के सिंबल पर विधायक चुनी गई थीं।

      कानून के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनाई जाती है। तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। ऐसे जनप्रतिनिधि चुनाव लड़ने से अयोग्य हो जाते हैं। इस तरह की सजा उसकी रिहाई के बाद से छह साल की अवधि के लिए अयोग्यता बनी रहेगी।

      यह था मामलाः हजारीबाग विशेष अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश -4 पवन कुमार की अदालत ने स्थानीय नेता राजीव जायसवाल के साथ अंतर्देशीय बिजली संयंत्र फायरिंग मामले में ममता देवी को भी दोषी ठहराया था। उन्हें आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 307, 332, 326 और आर्म्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था।

      इस कारण हुई सजाः अगस्त 2016 में गोला में पावर प्लांट कंपनी के मुख्य गेट पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। जिसमें चार लोग मारे गए थे।

      तत्कालीन बीडीओ दिनेश प्रसाद सूरी की शिकायत पर ममता और जायसवाल सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वह दूसरी विधायक हैं जिन्हें एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद झारखंड विधानसभा की सदस्यता गंवानी पड़ी।

      इसी साल अप्रैल में मांडर विधायक बंधु तिर्की, जो बाद में कांग्रेस में चले गए, को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। क्योंकि सीबीआई कोर्ट ने उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल की सश्रम कारावास और तीन लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी।

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