मुंबई (INR)। महाराष्ट्र के नए सियासी घटनाक्रम के बाद उद्धव ठाकरे सरकार के अल्पमत में आने की चर्चा के बावजूद शिवसेना ने अपनी सरकार को मजबूत बताया है।
संजय राउत बार-बार दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार गिरने वाली नहीं है और उनके साथ सभी विधायक हैं। इस बीच उद्धव ठाकरे ने शाम 7 बजे एक अहम बैठक बुलाई है।
महाराष्ट्र के शिवसेना तथा कांग्रेस पार्टी के तकरीबन 37 विधायकों को भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में बताया जा रहा है। इससे राज्य में उद्धव ठाकरे सरकार के अल्पमत में आने की चर्चा है।
राज्य में लगातार हो रहे राजनीतिक बदलाव से वेट एंड वाच की स्थिति बन गई है। महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि राज्यसभा चुनाव के दौरान हमारे विधायकों की संख्या 123 थी जबकि सोमवार को हुए विधान परिषद चुनाव में भाजपा के समर्थक विधायकों की संख्या बढ़कर 134 हो गई।
पाटिल ने कहा कि अब तक शिवसेना तथा कांग्रेस के 37 विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का आश्वासन दिया है लेकिन भाजपा इस संबंध में निर्णय लेने की जल्दी में नहीं है।
पूर्व वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि शिवसेना ने सिर्फ 14 विधायकों की बैठक में विधायक दल का नेता बदलने का निर्णय लिया है।
शिवसेना ने अजय चौधरी को नया विधायक दल का नेता बनाया है, जो असंवैधानिक है। विधायक दल का नेता विधायकों की बैठक में बहुमत के आधार पर लिया जाता है। विधायकों का बहुमत अभी भी एकनाथ शिंदे के साथ है, इसलिए इस विषय पर वेट एंड वाच की भूमिका ही सही है।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि 9 विधायकों के परिवार वालों ने विधायकों के अपहरण का आरोप लगाया है। शिवसेना पर इस तरह का संकट इससे पहले कई बार आया है, हर संकट का शिवसेना ने मजबूती से सामना किया है।
संजय राऊत ने कहा कि राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनी रहेगी, बहुत जल्द संकट छट जाएंगे। शिवसेना पार्टी है, वह किसी भी बगावत को बर्दाश्त नहीं करने वाली है।
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उनके पास 35 शिवसेना विधायकों का समर्थन प्राप्त है। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को कांग्रेस-राकांपा को छोडक़र भाजपा के समर्थन में सरकार बनाने की मांग की है।
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