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    Thursday, November 21, 2024
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      ‘डबल क्राईम’ को ‘घड़ियाल’ बन यूं दबा गए सीएम के ओएसडी IFS गोपाल सिंह

      बिहार में सुशासन है। यह किस दंभ पर कहा जाए। सीएम के गृह जिला में एक बड़ा पुलिस अत्याचार को अफसरों ने ‘नेता स्टाईल’ में दबा दिया। इसमें सबसे संदिग्ध भूमिका वन एवं पर्यावरण विभाग,पटना के आइएफएस -सह -सीएम ओएसडी गोपाल सिंह की रही…..”

      श्री गोपाल सिंह 5 बेकसूर वनकर्मियों की एक टीवी चोरी के आरोप में पुलिस द्वारा की गई निर्मम पिटाई का मामला उजागर होने के बाद नालंदा जिले के राजगीर पहुंचे थे।

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      लाल घेरे में वन एवं पर्यावरण विभाग,पटना के आइएफएस सह सीएम ओएसडी गोपाल सिंह और बगल में सिर झुकाए खड़े नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका…..(वीडियो फोटो)

      पीड़ितजनों को लगा कि ये हाकिम न्याय दिलाने आए हैं, लेकिन अब उन्हें यह अहसास हो रहा है कि महाशय को अपने वनकर्मियों पर हुए अत्याचार की चिंता नहीं थी, बल्कि वे किसी भी सूरत में नाटक रच झूठे आश्वासन दे सीएम तक मामला न पहुंचने देने की शाजिस में मुख्य किरदार बने थे।

      राजगीर वन विभाग गेस्ट हाउस एवं वेनु वन में पदास्थापित 5 वनकर्मी पर हुए पुलिस अत्याचार में थानाध्यक्ष, इंसपेक्टर, डीएसपी समेत एसपी के स्पष्ट हाथ होने के आरोप स्पष्ट आरोप है। नालंदा जिला में अभी तक ऐसा पुलिस उत्पीड़न के मामले  उभरकर सामने नहीं आए हैं।

      दिखावे के लिए थानाध्यक्ष को बलि का बकरा बनाते हुए निलंबित कर दिया गया। लेकिन उनसे इतर चिन्हित आरोपी पुलिसकर्मी-अफसरों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

      डीआईजी स्तर से डीआईओ दल द्वारा जांच करवाने की बात कही जा रही है, लेकिन सवाल उठता है कि इंस्पेक्टर-डीएसपी लेवल के जिला के अंदर पदासीन पुलिस वाले अपने सीनियर एसपी की भूमिका का कितनी ईमानदारी से जांच कर पाएंगे ?

      बहरहाल, जब समूचा नालंदा जिला पुलिस-प्रशासन एकजुट होकर किलाबंद सुरक्षा में मामले को दबाने में लगे थे। हर कार्रवाई का आश्वासन देकर पीड़ितजनों का भरोसा जीत रहे थे, उस समय वहां मौजूद लोगों में शामिल अनेकों ने अलग-अलग अपनी मोबाईल से वीडियो बना ली।

      उसमें कुछ वीडियो एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क के पास उपलब्ध कराए गए। वेशक आज वे वीडियो सबको नंगा कर जाती है। वीडियो के अनुसार जानिए कि तब वन विभाग के वरीय अधिकारी के साथ सीएम के ओएसडी -सह- आइएफएस गोपाल सिंह ने जिला वन पदाधिकारी नेशमणि कुमार के सामने क्या कहा था…..

      एक वीडियो में सीएम के ‘साहब’ बोलते हैं………

      “क्या हुआ डीआईजी साहब। देखो बहुत हो गया है लेबर साथ। थानेदार का संस्पेंसन भेजो। सस्पेंड करके बताईए.. कर दिया है… नहीं यार अभी ये तो बताओ कि इस इवेंट को डायवर्ट करने के लिए सारा ई कार्रवाई की जा रही है। जो गया जो गया। वो तो पकड़ में नहीं आ रहा है। गया में भी ऐसे आने की शिकायत है तो गया में भी ऐसे मारोगे किसी को आप। यार उस आदमी को जो सबको खाना खिलाता है सीएम के लिए..उसे ऐसे मारते हैं.. आप बताईए। पांच-पांच सौ डंडा मारा है कम से कम। यार सीएम को रिसिव करके यहां आना आप। यहां से जाएंगे, सभी कार्रवाई करके जाएंगे। ठीक है। ठीक। इनके घर वाले कौन-कौन हैं? ठीक है..ऐसा देखो..सीएम आ रहे हैं, उनको जाने दो। हमको जो कार्रवाई करनी होगी, हमलोग करेंगे, यही बैठकर करेगें”।

      इसी बीच नालंदा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम पहुंचते हैं। पीड़ितों का परिचय लेने के बाद वे कहते हैं..

      “पहले बढ़िया से ईलाज कराईए और उसके बाद लिख के दीजिए कि क्या-क्या हुआ है। पूरा घटनाक्रम दीजिए..बढ़िया से जांच करके जो भी दोषी होंगे, उस पर कार्रवाई होगी”।

      दूसरे वीडियो में सीएम के ‘साहब’ साफ कहते सुने जाते हैं…

      “पीड़ित की हालत देख उनके परिजन बिलख पड़ते हैं। आगे डॉ. गोपाल सिंह कहते हैं…. अरे भाई, अब जब सब हो गया है तो अब रोने से क्या फायदा। अब आराम से रहो”।

      इसके बाद नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका की ओर सीधे मुखातिब होते हुए…

      “…किसी को मत पकड़ो। अगर आपको गलत लगता है आरोप तो छोड़ दिजीए सबको.. लिखके दे दीजिए। लेकिन ये क्या तरीका है। ये तो तरीका भैया..नॉट एक्सेप्टेड फ्रॉम हेयर। आपको सारा चीज पता है, उसके बाद भी यह सब हुआ। या तो थानेदार आपके कंट्रोल में नहीं है या फिर आप खुद ध्यान नहीं दे रहे हो। इस तरह का..बताईए वह सीएम को खाना खिलाता है..कोई मतलब नहीं है आप लोगों को। गजब करते हैं भई। कंट्रोल से बाहर हो गए हैं आप लोग। उल्टा…जो रिपोर्ट करने जाएगा, उसका ये हाल करोगे आप लोग। फिर किसलिए है पुलिस बताईए न। आप से लगातार बातचीत हो रही है, उसके बाबजूद आप ऐसा कर रहे हो। ई तो डबल क्राईम है न। सब का मेडिकल कराएगें हम। और कोर्ट में सीधा करेगें हम। ये कोई तरीका है..मतलब। ये रिजल्ट है आपके पकड़ने का। जिसको पकड़ना था, वो तो आराम से मस्ती में है…. ये बेचारा गरीब आदमी है। जो मेन आदमी है, वो तो मजे से भाग गया आपको ठेंगा दिखाके…चिन्ह को देख के…देखो आदमी हैं हम भी..चिन्हों को देख के पता नहीं चल रहा है..एक मारने पर होता है ऐसा..100-100 डंडे कम से कम दिए हैं…”

      इस संबंध में जब एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ने पीड़ितजनों को दिए गए आश्वासन पर अब तक की गई अग्रेतर कार्रवाई की जानकारी वन एवं पर्यावरण विभाग,पटना के आइएफएस सह सीएम ओएसडी गोपाल सिंह से जाननी चाही तो उन्होंने काफी रोचक और गंभीर प्रतिउतर दिए, जो सीधे सीएम नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हैं।

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